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Pakistan: पाक में सिख युवती का पहले कराया जबरन धर्मांतरण, फिर मुस्लिम युवक से निकाह, पुलिस ने FIR भी नहीं किया दर्ज, सड़क पर उतरा सिख समुदाय

नई दिल्ली। पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार के मामले में अब अपनी पराकाष्ठा को पार करने पर आमादा हो चुके हैं। पाकिस्तान में आए दिन अल्पसंख्यक समुदाय को जिहादी तत्वों के द्वारा निशाना बनाया जा रहा है, लेकिन मौजूदा हुकूमत अब अपनी आंखें मूंदे हुई है। अब इसी कड़ी में पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा से यह पूरा माजरा प्रकाश में आया है, जहां एक सिख महिला शिक्षिका को जिहादी तत्वों के लोगों ने अपहरण करने के बाद उसका जबरन मुस्लिम युवक से निकाह करा दिया। महिला सिख युवती का जबरन इस्लाम में धर्मांतरण करा दिया गया। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, विगत 20 अगस्त को शिक्षिका का अपहरण कर लिया गया था। उधर, पीड़िता के परिजन जब पुलिस में मामले की शिकायत कराने पहुंचे तो एफआईआर तक दर्ज नहीं की गई। जिसके बाद से सिख समुदाय में रोष देखने को मिल रहा है। कई वीडियो भी प्रकाश में आए हैं, जिसमें सिख समुदाय के लोग  उपरोक्त प्रकरण को लेकर विरोध प्रदर्शन कर आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं और समस्त विश्व के सिख समुदाय के लोगों को इस सामूहिक विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए आह्वान कर रहे हैं। इस मामले के संदर्भ में कई वीडियो प्रकाश में आए हैं, जो कि अभी सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रहे हैं, जिस पर लोग अपना रोष व्यक्त करते हुए नजर आ रहे हैं।

इस बीच इस घटना पर बीजेपी नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने चिंता जताई है। सिरसा ने अपने ट्वीट में पाकिस्तान सरकार को टैग करते हुए कहा, ‘एक परिवार चुपचाप अपनी बेटियों को जबरन धर्म परिवर्तन और भावनात्मक रूप से शोषण करते हुए कैसे देख सकता है? यह बुनियादी मानवाधिकारों के खिलाफ है और हम पाकिस्तान के सिख भाइयों के समर्थन में खड़े हैं। मैं भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर जी से इस मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह करता हूं।

इसके साथ ही उन्होंने अपने दूसरे ट्वीट में कहा है कि  , ‘मैं विदेश मंत्री से पाकिस्तान में अल्पसंख्यक सिखों के मुद्दे पर बातचीत करने का आग्रह करता हूं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। पाकिस्तान में सिखों की सुरक्षा पर हमारे पहले के ट्वीट को नज़रअंदाज किया गया है।”

बता दें कि इससे पहले भी पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार के मामले प्रकाश में आ चुके हैं, लेकिन वहां की किसी हुकूमत ने आज तक कोई भी कार्रवाई करना मुनासिब नहीं समझा है। अब ऐसे में देखना होगा कि पाकिस्तान सरकार द्वारा इस पूरे मामले को संज्ञान में लेने के बाद क्या कुछ कार्रवाई की जाती है।

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