नोएडा। उत्तर भारत का पहला हाइपरस्केल डेटा सेंटर उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में लाइव हो गया है। सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक भव्य समारोह में भविष्य की जरूरतों के दृष्टिगत इस महत्वपूर्ण परियोजना का लोकार्पण किया। योगी ने कहा कि जब हम लोग इंटरनेट डेटा की बात करते हैं तो दुनिया का ध्यान सबसे बड़े लोकतंत्र भारत की ओर जाता है। आज भारत में 150 करोड़ मोबाइल धारक और 65 करोड़ इंटरनेट उपभोक्ता हैं। यानी पूरी दुनिया का 20 प्रतिशत डेटा यहीं उपयोग होता है, लेकिन स्टोरेज क्षमता मात्र 2 फीसदी थी। डेटा को स्टोर करने के लिए दुनिया में जगह तलाशनी पड़ती थी। अब 5000 करोड़ की लागत से हीरानंदानी ग्रुप ने महज 20 महीने में इतना बड़ा डेटा सेंटर बनाया है।
योगी ने कहा कि इस डेटा सेंटर के माध्यम से देश ने यह साबित किया है कि हम डेटा को अपने यहां सुरक्षित रख सकते हैं। सीएम ने कहा कि भारत का युवा आज पूरी दुनिया के आईटी फील्ड में डिजिटल क्रांति कर रहा है। जब उसे यहीं वह सारी सुविधाएं-संसाधन उपलब्ध होंगे तो निश्चित ही वह दोगुनी ऊर्जा से अपनी प्रतिभा का लाभ देगा। उन्होंने कहा कि यूपी अब डेटा सेंटर का नया हब बनने जा रहा है। जब प्रदेश ने अपनी डेटा सेंटर पॉलिसी लागू की थी, तब देश में कुल स्टोरेज क्षमता सिर्फ 400 मेगावाट थी। हमने 2026 तक ₹20,000 करोड़ के निवेश के साथ 250 मेगावाट स्टोरेज क्षमता का लक्ष्य रखा। खुशी हो रही है कि पॉलिसी के पहले ही वर्ष में यह लक्ष्य पूरा कर लिया गया है। इस मौके पर हीरानंदानी ग्रुप ने अगले 5 साल में 39000 करोड़ के निवेश के लिए एमओयू भी किया।
सीएम योगी ने कहा कि 2017 में सरकार बनने के बाद मैने जब नोएडा की यात्रा शुरू की थी, विपक्ष के मित्रों ने कहा कि यह इलाका अभिशप्त है। नोएडा जाएंगे तो कुर्सी खतरे में पड़ जाएगी। लेकिन मैं लगातार नोएडा आता रहा। योगी ने कहा कि हम जनता धोखा नहीं कर सकते। प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश निवेश के सबसे अच्छे गंतव्य के रूप में उभर कर आया है। यहां भ्रष्टाचार पर लगाम लगी है। ईज ऑफ लिविंग में काफी सुधार आया है। उन्होंने कहा कि जनता हो या निवेशक, सभी की सुरक्षा के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। हीरानंदानी ग्रुप की ओर से 20 एकड़ में योट्टा डी-1 नाम से डेटा सेंटर बनाया गया है। इसे सभी टेलीकॉम ऑपरेटर्स के लिए फाइबर ऑप्टिक केबल से जोड़ा गया है। ये ग्लोबल कनेक्टिविटी के लिहाज से बेहद उपयोगी भी है। तीन और डेटा सेंटर्स अलग-अलग कंपनियां 15950 करोड़ की लागत से बना रही हैं। इनसे हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा।