नई दिल्ली। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए पाकिस्तान जाएंगे। इसी महीने 15 और 16 अक्टूबर को इस्लामाबाद में एसएसीओ शिखर सम्मेलन का आयोजन होना है। एस. जयशंकर इसमें भारतीय प्रतिनिधिमंडल का प्रतिनिधित्व करेंगे। विदेश मंत्रालय की ओर से इस बात की पुष्टि करते हुए जयशंकर के दौरे से संबंधित अपडेट दिया गया है। इससे पहले पाकिस्तान की ओर से भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एससीओ समिट में शामिल होने के लिए निमंत्रण भेजा गया था। एससीओ में भारत और पाकिस्तान समेत कुल 9 देश शामिल हैं।
<blockquote class=”twitter-tweet”><p lang=”en” dir=”ltr”><a href=”https://twitter.com/hashtag/WATCH?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw”>#WATCH</a> | MEA Spokesperson Randhir Jaiswal says, "EAM Jaishankar will lead a delegation to Pakistan for the SCO summit which will be held in Islamabad on 15th and 16th October…" <a href=”https://t.co/HP7cSzH6AI”>pic.twitter.com/HP7cSzH6AI</a></p>— ANI (@ANI) <a href=”https://twitter.com/ANI/status/1842157304822775984?ref_src=twsrc%5Etfw”>October 4, 2024</a></blockquote> <script async src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” charset=”utf-8″></script>
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि विदेश मंत्री अपने इस दौरे पर एससीओ देशों के अपने समकक्ष और राष्ट्राध्यक्ष से मिलेंगे। इससे पहले साल 2023 में एससीओ शिखर सम्मेलन की मेजबानी भारत ने वर्चुअल मोड में की थी। उस समय पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ऑनलाइन माध्यम के जरिए इस बैठक से जुड़े थे।
क्या है शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ)?
शंघाई सहयोग संगठन एक स्थायी अंतर-सरकारी अंतरराष्ट्रीय संगठन है। 15 जून, 2001 को शंघाई में एससीओ की स्थापना की गई थी। पहले चीन, रूस, उजबेकिस्तान, किर्गिस्तान, कजाकिस्तान और ताजिकिस्तान समेत कुल 6 देश इसके सदस्य थे। बाद में 2017 में इस का विस्तार करते हुए भारत और पाकिस्तान को भी इसमें शामिल किया गया। एक साल पहले 2023 में ईरान को भी इसका सदस्य बनाया गया। इस तरह से कुल 9 देश एससीओ के मौजूदा सदस्य हैं। इस संगठन का उद्देश्य सदस्य राज्यों के बीच सहयोग और शांति को बढ़ावा देने और एक नए लोकतांत्रिक, निष्पक्ष और तर्कसंगत अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करना है। एससीओ में मंगोलिया, बेलारूस और अफगानिस्तान 3 पर्यवेक्षक देश और श्रीलंका, नेपाल, सऊदी अरब, तुर्की, कंबोडिया, आर्मेनिया, अजरबैजान, मिस्र, कतर तथा बहरीन कुल 14 देश संवाद साझेदार के रूप में शामिल हैं।