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Champai Soren: फिर दिल्ली आ रहे हेमंत सोरेन से बगावत करने वाले झारखंड के पूर्व सीएम चंपाई सोरेन, जानिए इस बार क्या है उनका इरादा?

Champai Soren: बीते दिनों चंपाई सोरेन ने अपने अपमान का आरोप लगाया था और झारखंड मुक्ति मोर्चा यानी जेएमएम के प्रमुख और मौजूदा सीएम हेमंत सोरेन के खिलाफ बयान दिए थे। चंपाई सोरेन पिछले दिनों भी दिल्ली आए थे। अब एक बार वो फिर दिल्ली के दौरे पर आ रहे हैं।

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झारखंड के मंत्री चंपई सोरेन

नई दिल्ली। झारखंड में जेएमएम से बगावत करने वाले पूर्व सीएम चंपाई सोरेन फिर दिल्ली के दौरे पर आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि वो बीजेपी के नेताओं से मुलाकात करेंगे। बीते दिनों चंपाई सोरेन ने अपने अपमान का आरोप लगाया था और झारखंड मुक्ति मोर्चा यानी जेएमएम के प्रमुख और मौजूदा सीएम हेमंत सोरेन के खिलाफ बयान दिए थे। चंपाई सोरेन पिछले दिनों भी दिल्ली आए थे। तब कहा जा रहा था कि चंपाई सोरेन बीजेपी में शामिल हो सकते हैं, लेकिन उन्होंने इससे इनकार कर दिया था। चंपाई सोरेन ने तब कहा था कि वो निजी काम से दिल्ली आए हैं। फिर झारखंड लौटकर उन्होंने कहा था कि अलग पार्टी बनाएंगे।

चंपाई सोरेन झारखंड के बड़े आदिवासी नेता हैं। जब ईडी ने जमीन घोटाला मामले में हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर जेल भेजा था, तब उन्होंने चंपाई सोरेन को झारखंड का सीएम बनाया था। हेमंत सोरेन जेल से छूटे और फिर चंपाई सोरेन की जगह खुद सीएम बन गए। चंपाई सोरेन का आरोप है कि उनको कैबिनेट मीटिंग का बुलावा नहीं दिया गया। साथ ही झारखंड में उनके दो कार्यक्रमों को भी जेएमएम नेतृत्व ने हरी झंडी देने से इनकार कर दिया। इसे ही चंपाई सोरेन ने अपना अपमान बताकर जेएमएम से नाता तोड़ने का एलान किया था। चंपाई सोरेन ने अपने घर और गांव से भी जेएमएम के झंडे उतरवा दिए थे। साथ ही अपने ट्विटर हैंडल से भी जेएमएम का नाम हटा दिया था। चंपाई सोरेन ने ये भी कहा था कि झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए गठबंधन के सभी रास्ते खुले हुए हैं।

झारखंड का टाइगर नाम से चंपाई सोरेन पहचाने जाते हैं। वो 10वीं कक्षा तक पढ़े हैं। चंपाई सोरेन सरायकेला-खरसावां जिले के जिलिंगगोड़ा गांव के रहने वाले हैं। चंपाई सोरेन अर्जुन मुंडा की करीब 2 साल चलने वाली बीजेपी सरकार में भी मंत्री रहे हैं। चंपाई सोरेन को जेएमएम में उपाध्यक्ष भी बनाया गया था। वो हेमंत सोरेन की 2019 में बनी दूसरी सरकार में भी मंत्री बने। सरायकेला सीट से चंपाई सोरेन ने सियासी पारी बतौर निर्दलीय जीतकर की थी। बाद में वो जेएमएम में शामिल हुए थे।

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