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आर्थिक मंदी की तरफ बढ़ रहा है देश, इस बार जुलाई-सितंबर तिमाही में -7.5% रहेगा GDP ग्रोथ रेट

नई दिल्ली। कोरोना संकट से निकलने की कोशिश कर रहे देश की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के आंकड़े जारी किए गए हैं। सामने आंकड़ों को देखकर साफ है कि देश में अभी कोरोना काल का असर बना रहेगा और देश आर्थिक मंदी की तरफ जाएगा। बता दें कि वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी तिमाही यानी सितंबर में खत्म तिमाही के लिए केंद्र सरकार ने सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के आंकड़े जारी कर दिए हैं। चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में देश की जीडीपी -7.5 फीसदी रही। सरकार ने जीडीपी के आंकड़े शुक्रवार शाम को जारी किए। गौरतलब है कि पिछले 40 साल में पहली बार जीडीपी में इतनी कमी आई है जिसके चलते आंकड़ों पर सबकी नजरें टिकी हुई थीं। वहीं सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की पहली तिमाही में 23.9 फीसद की ऐतिहासिक गिरावट की गई थी। बता दें कि वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी तिमाही यानी सितंबर में खत्म तिमाही के लिए सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के आंकड़े जारी हो गए हैं। इन आंकड़ों से पता चल रहा है कि देश की अर्थव्यवस्था अब पटरी पर आने लगी है, लेकिन फिर भी अभी देश आर्थिक मंदी की ओर ही है।

बता दें कि कोरोना वायरस के असर के चलते भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) सहित देश और विदेश की कई वित्तीय एजेंसियों ने सितंबर तिमाही में अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर नकारात्मक रहने का अनुमान जताया था। गौरतलब है कि मार्च तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 3.1 फीसदी थी। इस वजह से वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान जीडीपी ग्रोथ सिर्फ 4.2 फीसदी रह गई।

मालूम हो कि भारत की अर्थव्यवस्था के पिछले कुछ सालों पर नजर डालें तो सुस्ती के दौर देखने को मिला है। हालांकि पिछली तिमाही के ये आंकड़े बीते कुछ दशकों के सबसे बुरे आंकड़े हो सकते हैं। ऐसा इसलिए भी है, क्योंकि इस साल अप्रैल से जून के दौरान पूरे देश में लॉकडाउन लागू था, और आर्थिक गतिवधियां पूरी तरह से ठप थी।

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