News Room Post

राजस्थान में उठा सियासी तूफान थमा है टला नहीं, सचिन पायलट ने दी गहलोत को बहुमत साबित करने की चुनौती!

नई दिल्ली। राजस्थान में जारी सियासी घमासान का तूफान केवल थमा है टला नहीं है इस बात का साफ संकेत मिल रहा है क्योंकि एक तरफ कांग्रेस के नेता इस बात को लेकर लगातार बयान दे रहे हैं कि अब सबकुछ ठीक हो गया है सचिन पायलट की नाराजगी समाप्त हो गई है। लेकिन कांग्रेस अपने विधायकों को लेकर होटल में पहुंच गई है। मतलब साफ है कि यह केवल एक ध्यान भटकाने का तरीका है।

क्योंकि भाजपा की तरफ से इस पर साफ कहा जा रहा है कि अशोक गहलोत को विधानसभा में आकर फ्लोर टेस्ट कराना चाहिए और अपनी सरकार का बहुमत साबित करना चाहिए। वहीं जिस सचिन पायलट के बगावती सुर को बदलने की बात कांग्रेस के नेता कर रहे हैं। उस सचिन पायलट की मानें तो उन्होंने कोई भी समझौते की शर्त नहीं रखी है, और किसी आलाकमान से उनकी बातचीत नहीं चल रही है। वहीं इस पूरे मामले पर पायलट गुट का कहना है कि अशोक गहलोत के पास कांग्रेस के मात्र 84 विधायक हैं बाकी हमारे साथ हैं।

वहीं अब पायलट के सूत्रों के हवाले से किए गए एक दावे में कहा गया है कि राजस्थान के डिप्टी सीएम के मुताबिक, गहलोत सरकार के पास विधानसभा में जरूरी बहुमत नहीं हैं। पायलट ने गहलोत को चुनौती देते हुए कहा है कि अगर उनके पास जरूरी विधायकों की संख्या है, तो विधानसभा में बहुमत साबित कर दिखाएं। यही नहीं, पायलट ने राज्यपाल के सामने भी विधायकों की परेड कराने की चुनौती दी है।

इधर मुख्यमंत्री आवास में हुई कांग्रेस विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली सरकार का 107 विधायकों ने समर्थन किया। कांग्रेस विधायक दल की बैठक के बाद सभी ने आपसी सहमति से प्रस्ताव पारित किया, जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी पर भरोसा जताते हुए सीएम गहलोत की सरकार को समर्थन दिया गया।

विधायक दल की बैठक में पारित प्रस्ताव में प्रमुख विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी के ऊपर चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने करने का आरोप लगाते हुए उसकी निंदा की गई। प्रस्ताव में कहा कि कांग्रेस विधायक दल षड्यंत्रकारी मंसूबों की घोर निंदा करता है। बीजेपी लोकतंत्र का चीरहरण कर रही है। यह राजस्‍थान की 8 करोड़ जनता की बेइज्‍जती है।

Exit mobile version