News Room Post

America India Relation : अमेरिका ने निभा दी दोस्ती, अरुणाचल प्रदेश पर भारत का दिया साथ, मैकमोहन रेखा को बताया ठीक

joe biden and narendra modi

नई दिल्ली। मौजूदा समय में अमेरिका भारत के सबसे बड़े रक्षा सहयोगियों में से एक है। इसका सबूत देते हुए, अमेरिका ने चीन और अरुणाचल प्रदेश के बीच मैकमोहन लाइन को अंतरराष्ट्रीय सीमा के तौर पर मान्यता दे दी है। सीनेट में पेश प्रस्ताव में अरुणाचल प्रदेश को भारत का अभिन्न अंग दिखाया गया है। खास बात है कि यह घटनाक्रम ऐसे समय सामने आया है, जब भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास पूर्वी सेक्टर में तनाव जारी है। सीनेटर जेफ मर्कले के साथ सीनेट में प्रस्ताव पेश करने वाले सीनेटर बिल हैगर्टी ने कहा, ‘ऐसे समय में जब चीन मुक्त एवं खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए लगातार गंभीर खतरा उत्पन्न कर रहा है, अमेरिका के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वह इस क्षेत्र में अपने रणनीतिक भागीदारों, खासकर भारत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहे।” बिल हैगर्टी का यह बयान इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि बीते कुछ समय से अमेरिका हिंद महासागर में शांति स्थापित करने के लिए और चीन को रोकने के लिए भारत का सहारा ले रहा है।

आपको बता दें कि अमेरिकी सीनेटर बिल हैगर्टी ने मंगलवार को कहा, ‘यह द्विदलीय प्रस्ताव अरुणाचल प्रदेश को स्पष्ट रूप से भारत के अभिन्न हिस्से के रूप में मान्यता देने के लिए सीनेट के समर्थन को दर्शाता है, वास्तविक नियंत्रण रेखा पर यथास्थिति को बदलने के लिए चीन की सैन्य आक्रामकता की निंदा करता है और मुक्त एवं खुले भारत-प्रशांत के समर्थन के लिए अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी और ‘QUAD’ को मजबूत करता है।’ अमेरिका में पेश प्रस्ताव में चीन के उस दावे को भी झटका लगा है, जहां वह कह रहा था कि अरुणाचल प्रदेश PRC यानी पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना का क्षेत्र है। सीनेटर जेफ मर्कले ने कहा, ‘स्वतंत्रता और एक नियम-आधारित शासन का समर्थन करने वाले अमेरिकी मूल्यों को हमारे सभी कार्यों और संबंधों के केंद्र में होना चाहिए, खासकर जब पीआरसी सरकार एक अलग सोच के साथ आगे बढ़ने में जुटी है।

गौरतलब है कि दोनों देशों के संबंधों पर बातचीत करते हुए सीनेटर जेफ मर्कले ने कहा, ‘प्रस्ताव स्पष्ट करता है कि अमेरिका अरुणाचल प्रदेश को भारत का अभिन्न हिस्सा मानता है, न कि पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना का, और क्षेत्र में समान विचारधारा वाले अंतरराष्ट्रीय भागीदारों के साथ-साथ वहां समर्थन और सहायता को गहरा करने की अमेरिकी प्रतिबद्धता को दोहराता है।’ खास बात है कि प्रस्ताव में चीन के आक्रामक रवैये के खिलाफ बचाव की कोशिशों को लेकर भारत की तारीफ भी की गई है। इनमें भारत की संचार व्यवस्था की सुरक्षा समेत कई बातों को रखा गया है।

Exit mobile version