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कोरोना के इलाज के लिए भारतीय कंपनी ने संक्रमित मरीजों के ऊपर इस टैबलेट के तीसरे चरण का परीक्षण किया शुरू!

नई दिल्ली। भारत में कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों के ऊपर ग्‍लेनमार्क फार्मा ने अपनी एंटीवायरल टैबलेट फैवीप‍िराव‍िर के तीसरे चरण का क्‍लीनिकल परीक्षण शुरू कर दिया है। इसके परीक्षण को अप्रैल के अंत में डीसीजीआई ने मंजूरी दी थी। आपको बता दें कि भारत में कोरोनावायरस के मरीजों पर फैवीप‍िराव‍िर के तीसरे चरण का क्‍लीनिकल ट्रायल शुरू करने वाली ग्‍लेनमार्क पहली कंपनी है।

इस टैबलेट का क्‍लीनिकल ट्रायल 10 सरकारी और निजी अस्‍पतालों में किया जा रहा है। इसके पूरे होने के अनुमान को लेकर ग्‍लेनमार्क फार्मा ने बताया है कि यह ट्रायल जुलाई/अगस्‍त 2020 तक पूरा हो जाएगा। ग्‍लेनमार्क ने अपने इनहाउस आरएंडडी टीम के जरिये एपीआई और फॉर्मूलेशन को सफलतापूर्वक तैयार किया है।

गौरतलब है कि फैवीप‍िराव‍िर ने इनफ्लूएंजा वायरस के खिलाफ अच्‍छा प्रदर्शन किया है और जापान में इसे इनफ्लूएंजा वायरस संक्रमण के ईलाज में उपयोग की अनुमति मिली हुई है। यदि इसे वाणिज्यिक मंजूरी मिलती है तो इसे भारत में FabiFlu ब्रांड नाम से बेचा जाएगा।

ग्‍लेनमार्क फार्मा के उपाध्‍यक्ष और क्‍लीनिकल डेवलपमेंट की प्रमुख डा. मोनिका टंडन ने कहा कि, अध्‍ययन के परिणाम आश्‍चर्यजनक होंगे, हमें इसको लेकर यकीन है, क्‍योंकि कोरोना वायरस के ईलाज के लिए अभी तक कोई प्रभावी दवा उपलब्‍ध नहीं है। उन्‍होंने कहा कि इन परीक्षणों से प्राप्‍त होने वाले परिणाम हमें कोविड-19 के उपचार और प्रबंधन की दिशा में आगे बढ़ने के लिए रास्‍ता दिखाएंगे।

बता दें कि ग्‍लेनमार्क पहली ऐसी कंपनी है जिसे भारत में कोविड-19 मरीजों पर परीक्षण के लिए नियामक ने अपनी मंजूरी दी है। स्‍वीकृत क्‍लीनिकल ट्रायल प्रोटोकॉल के तहत, उपचार की अवधि अधिकतम 14 दिन होगी और अध्‍ययन की कुल अवधि अधिकतम 28 दिन होगी।

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