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Good News For Migrants: प्रवासी श्रमिकों को लेकर केंद्र सरकार उठाने जा रही है बड़ा कदम, जारी होगा खास नंबर, होगा ये फायदा

lockdown modi

नई दिल्ली। लॉकडाउन में शहरों से गांव की तरफ पलायन करने वाले श्रमिकों को लेकर केंद्र सरकार अब एक अहम कदम उठाने जा रही है। बता दें कि मोदी सरकार प्रवासी श्रमिकों को आधार लिंक्ड के जरिए एक खास रजिस्ट्रेशन नंबर देने की तैयारी में है। इसका मकसद श्रमिकों की अलग से पहचान करने से है। इससे श्रमिकों को काम मिलने में फायदा भी होगा। दरअसल लॉकडाउन के दौरान कई श्रमिक काम छोड़कर अपने गृहनगर, गांव लौट गए थे। इन लोगों को खाने-पाने के संकट का सामना करना तो पड़ा ही साथ ही कई की पैदल ही घर लौटते वक्त रास्ते में ही मौत हो गई। प्रवासियों को बड़े मानवीय संकट से गुज़रना पड़ा। ऐसे में आनन-फानन में ऐसी व्यवस्था हो जाने के कारण सरकार के पास ऐसे प्रवासियों का डाटा मौजूद नहीं है। इसी की वजह से ऐसे लोगों की सरकार सही तरीके से मदद भी नहीं कर पा रही। ऐसे में अब सरकार के पास आधार नंबर होना जरूरी है। जिससे प्रभावी ढंग से इनकी बेहतरी के लिए कल्याणकारी योजनाओं तक इनकी पहुंच बनाई जा सके।

बता दें कि सोशल सिक्योरिटी कोड 113 (2) में कहा गया है, “प्रत्येक पात्र असंगठित श्रमिक, टमटम कार्यकर्ता या प्लेटफ़ॉर्म कर्मी ऐसे दस्तावेजों के साथ आधार संख्या सहित पंजीकरण के लिए आवेदन करेगा, जिसके बाद उन्हें एक खास पंजीकरण नंबर दिया जाएगा। इस खास नंबर का जिक्र करते हुए श्रम स्थायी समिति ने कहा कि इससे राज्य को असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों सहित प्रवासी श्रमिकों की स्पष्ट रूप से पहचान करने में मदद मिलेगी। इसके ज़रिए ठेकेदारों के माध्यम से भी इसका डाटा रखने की बात कही गई।

अगर श्रमिकों को आधार से लिंक्ड नंबर जारी किया जाएगा तो उनकी पहचान करना आसान होगा। ऐसे में आधार के साथ जुड़ाव होने के चलते ये विशिष्ट पंजीकरण संख्या उन्हें सरकारी सहायता मुहैया कराने में भी काम आएगी, चाहें वे प्रवासी किसी भी राज्य से ताल्लुक रखते हों। संसद में मज़दूरों की स्थायी समिति के अध्यक्ष भर्तृहरि महताब ने कहा, प्रवासी श्रमिक अक्सर चलते हैं, इसलिए उन्हें अपना पंजीकरण आधार से जोड़ना आवश्यक है। केंद्र ने पहले से ही असंगठित क्षेत्र के लिए योजनाएं शुरू की हैं, जिसमें बेरोजगारी लाभ और मुफ्त राशन के अलावा 50,000 करोड़ के काम की 25 योजनाएं शामिल हैं।

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