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जीएसटी काउंसिल बैठक : वित्तमंंत्री ने छोटे करदाताओं को दी राहत, किए ये बड़े ऐलान

नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की बैठक ली। इस दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि जुलाई, 2017 से जनवरी 2020 तक जिन्होंने जीएसटीआर-3बी रिटर्न फाइल नहीं किया है और उन पर शून्य रिटर्न बनता है तो उन्हें विलंब शुल्क नहीं देना होगा।

इस दौरान जीएसटीआर-3बी को विलंब से फाइल करने पर अधिकतम शुल्क की सीमा 500 रुपये तय की गई। इसके साथ ही जीएसटीआर-3बी के लिए नया विंडो बना है, जिसके जरिए इस फॉर्म को फाइल करने की अवधि एक जुलाई से 30 सितंबर के बीच कर दी गई है। वित्त मंत्री ने कहा कि जुलाई 2017 से लेकर जनवरी 2020 तक की काफी रिटर्न फाइलिंग लंबित है। ऐसे में जिन्होंने रिटर्न नहीं भरा है, उनसे किसी तरह का विलंब शुल्क नहीं लिया जाएगा।

बैठक में छोटी कंपनियों को राहत देते हुए विलंब से जीएसटी रिटर्न दाखिल करने पर ब्याज को घटाकर आधा करने का फैसला किया गया है। ऐसी कंपनियों को विलंब से जीएसटी फाइल करने पर नौ फीसदी की दर से ब्याज देना होगा। राष्ट्रव्यापी बंद के बाद शुक्रवार को पहली बार जीएसटी परिषद (काउंसिल) की बैठक हुई। जीएसटी परिषद की ये कुल 40वीं बैठक हुई है।

जीएसटी रिटर्न दाखिले करने में छोटे करदाताओं को राहत

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना काल में विलंब से जीएसटी रिटर्न दखिल करने वाले करदाताओं को बड़ी राहत देते हुए शुक्रवार को विलंब से कर दाखिल करने पर लगने वाले ब्याज की दर 18 फीसदी से घटाकर नौ फीसदी करने का ऐलान किया। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की 40वीं बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए वित्तमंत्री ने कहा कि पांच करोड़ रुपये तक के टर्नओवर वाले छोटे करदाताओं द्वारा फरवरी, मार्च और अप्रैल महीने का जीएसटी रिटर्न छह जुलाई के बाद करने पर जो ब्याज देना होगा उसकी दर 18 फीसदी की जगह नौ फीसदी होगी।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संवाददाता सम्मेलन में बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए कहा कि जीएसटी परिषद फुटवियर, उर्वरक और कपड़ा क्षेत्र में उलट शुल्क ढांचा सुधारने पर गौर कर रही है। पान मसाले पर टैक्स को लेकर संवाददाताओं के सवाल पर उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि पान मसाले पर कर लगाने को लेकर जीएसटी परिषद की अगली नियमित बैठक में विचार होगा। उन्होंने कहा कि राज्यों की मुआवजा की जरूरतों पर विचार के लिए एक विशेष बैठक जुलाई में होगी। उसका केवल यही एक एजेंडा होगा।

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