News Room Post

Gyanwapi Case : व्यास तहखाने में होती रहेगी पूजा, सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखी यथास्थिति

Gyanwapi Case : सुप्रीम कोर्ट बेंच ने पूछा क‍ि क्या तहखाने और मस्जिद में जाने का एक ही रास्ता है? इस पर मुस्‍ल‍िम पक्ष के वकील अहमदी ने कहा क‍ि तहखाना दक्षिण में है और मस्जिद जाने का रास्ता उत्तर में है। इस पर सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा क‍ि नमाज और पूजा पर जाने के ल‍िए रास्‍ता अलग-अलग है तो ऐसे में हमारा मानना है क‍ि दोनों नमाज और पूजा में कोई बाधा नहीं होगी फिलहाल यथास्थिति बरकरार रखी जाए।

नई दिल्ली। वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के व्यास तहखाने में पूजा के खिलाफ मस्जिद कमेटी की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में को सुनवाई हुई। शीर्ष अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फिलहाल नमाज और पूजा के संबंध में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा कि बिना हमारी अनुमति के इस यथास्थिति में बदलाव नहीं किया जाना चाहिए। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने हालांकि मामले पर हिंदू पक्ष (व्यास परिवार) को नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा। इस पर व्यास परिवार के वकील श्याम दीवान ने औपचारिक नोटिस जारी करने का विरोध किया। वकील ने कहा कि अभी निचली अदालतों में मामले का पूरी तरह निपटारा नहीं हुआ। इस समय सुप्रीम कोर्ट के दखल की जरूरत नहीं है।

इससे पहले सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष की तरफ से पेश हुए वकील हुजैफा अहमदी ने दलील दी क‍ि व्यास तहखाने मामले में कब्जा देने के आदेश में 7 दिन का समय दिया गया था, लेकिन सरकार ने इसे तुरंत लागू कर दिया। हाईकोर्ट से भी हमें राहत नहीं मिली है, सुप्रीम कोर्ट को तुरंत इस पर रोक लगाना चाहिए। इस पर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्‍ट‍िस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने पूछा क‍ि क्या तहखाने और मस्जिद में जाने का एक ही रास्ता है? इस पर मुस्‍ल‍िम पक्ष के वकील अहमदी ने कहा क‍ि तहखाना दक्षिण में है और मस्जिद जाने का रास्ता उत्तर में है। इस पर सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा क‍ि नमाज और पूजा पर जाने के ल‍िए रास्‍ता अलग-अलग है तो ऐसे में हमारा मानना है क‍ि दोनों पूजा पद्धति में कोई बाधा नहीं होगी। हम यह निर्देश देते हैं कि फिलहाल नमाज और पूजा दोनों अपनी-अपनी जगहों पर जारी रहे।

दरअसल, अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी है, जिसमें मस्जिद के दक्षिणी तहखाने में हिंदुओं को पूजा की अनुमति देने वाले निचली अदालत के आदेश को बरकरार रखा गया। कमेटी वाराणसी में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद के मामलों का प्रबंधन करती है। निचली अदालत ने 31 जनवरी को अपने आदेश में हिंदुओं को तहखाने में पूजा करने की इजाजत दी थी। इसके बाद कमेटी हाईकोर्ट गई, जहां 26 फरवरी को उनकी याचिका खारिज हो गई। हाईकोर्ट ने कहा था कि ज्ञानवापी के दक्षिणी तहखाने में स्थित व्यास जी के तहखाने के भीतर पूजा रोकने वाला उत्तर प्रदेश सरकार का 1993 का फैसला अवैध था। पूजा-पाठ को बिना किसी लिखित आदेश के राज्य की अवैध कार्रवाई के जरिए रोक दिया गया। इसके बाद व्यास जी के तहखाने में पूजा शुरू हो गई।

Exit mobile version