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Kanpur Violence: कानपुर दंगे के मुख्य साजिशकर्ता हयात को होती थी विदेशी फंडिंग? 47 करोड़ रुपये की रकम पर हुआ बड़ा खुलासा

जानकारी के मुताबिक, विदेशों से फंड प्राप्त करने के लिए साल 2019 में कानपुर के बावूपुरवा इलाके के एक बैंक में खाता खोला गया था, जिसका अकाउंट नंबर 50014717838 है, जिसमें 30 जुलाई 2019 को सबसे पहले 3 करोड़ 54 लाख रुपए जमा कराए गए थे, जिसके बाद सितंबर 2021 में एकमुश्त 98 लाख रूपए एकमुश्त निकाल लिया गया था। अभी इस खाते में 1 करोड़ 27 लाख रुपए मिले हुए हैं।

नई दिल्ली। कानपुर हिंसा मामले की जांच कर रही पुलिस के समक्ष रोजाना नए-नए पहलू सामने आ रहे हैं। लिहाजा मसले की तफ्तीश में जुटी पुलिस किसी भी पहलू को नजरअंदाज करने की गुस्ताखी करने से गुरेज ही कर रही है, चूंकि एक भी पहलू को अनदेखा कर देना पूरे मामले को दिशाविहीन कर सकता है। बहरहाल, अब तक कानपुर हिंसा मामले में 50 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है, जिसमें कुछ का PFI से भी कनेक्शन निकला है। हालांकि, पीएफआई ने बीते दिनों वीडियो साझा कर कानपुर दंगे में संगठन का हाथ होने से इनकार कर दिया था। पीएफआई का कहना था कि बीजेपी और केंद्रीय जांच एजेंसियां बिना ठोस सबूत के हर दंगे में हमारा नाम जोड़ देती है। उधर, कानपुर हिंसा मामले का मुख्य आरोपी हयात जफऱ हाशमी पुलिस की गिरफ्त में है। उससे पूछताछ का सिलसिला जारी है। लेकिन, अब इसी बीच पुलिस को खबर लगी है कि हयात को विदेशों से भी फंडिंग होती थी। वो भी करोड़ों में। पुलिस के मुताबिक, 3 करोड़ 98 लाख रुपए की फंडिंग हुई है।

जानकारी के मुताबिक, विदेशों से फंड प्राप्त करने के लिए साल 2019 में कानपुर के बावूपुरवा इलाके के एक बैंक में खाता खोला गया था, जिसका अकाउंट नंबर 50014717838 है, जिसमें 30 जुलाई 2019 को सबसे पहले 3 करोड़ 54 लाख रुपए जमा कराए गए थे, जिसके बाद सितंबर 2021 में एकमुश्त 98 लाख रूपए निकाल लिया गया था। अभी इस खाते में 1 करोड़ 27 लाख रुपए मिले हुए हैं। पुलिस के मुताबिक, अब तक खाते के जरिए 47 करोड़ 68 लाख रूपए का कुल लेन देन हुआ था। लेकिन, फिलहाल इन खातों में 11 लाख रुपए ही मौजूद हैं। अब ऐसी स्थिति में सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या हयात को विदेशों से फंडिंग होती थी? फिलहाल, पुलिस इस पहलू से भी मामले की जांच कर रही है। बताया जा रहा है कि जल्द इस मामले की प्रवर्तन निदेशालय भी जांच करेगा। आखिर विदेशी फंडिंग के मामले के पीछे की क्या सच्चाई क्या है।

यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा, लेकिन आपको बता दें कि कानपुर हिंसा मामले में एक व्हाट्सएप ग्रुप भी सामने आया है, जिसमें एक धर्म विशेष के विरुद्ध आपत्तिजनक टिप्पणी देखने को मिल रही है। यह व्हाट्सएप ग्रुप नदीम कुरेशी के नाम से संचालित किया जा रहा है। जिसमें कई सदस्यों के शामिल होने की बात कही जा रही है। बता दें कि व्हाट्सएप ग्रुप में भी आपत्तिजनक मैसेज देखने को मिले हुए हैं, जो कि अभी सोशल मीडिया पर खासा वायरल हो रहे हैं, जिस पर कड़ी कार्रवाई करने के लिए पुलिस की तरफ से एसआईटी का गठन भी किया जा चुका है। अब ऐसी स्थिति में पुलिस इस पूरे मामले में क्या कुछ कार्रवाई करती है और इस कार्रवाई के उपरांत क्या सच्चाई निकलकर सामने आती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।

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