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Tahir Hussain: ताहिर हुसैन की याचिका पर सुनवाई मंगलवार तक टली, SC बोला, ‘इस तरह के सभी लोगों के चुनाव लड़ने पर पाबंदी होनी चाहिए’

Tahir Hussain: ताहिर हुसैन 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के मुख्य आरोपियों में से एक है, जिनमें 50 से अधिक लोगों की जान गई थी। ताहिर पर आरोप है कि उन्होंने इंटेलिजेंस ब्यूरो के अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। दिल्ली हाई कोर्ट ने उन्हें विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने के वास्ते कस्टडी पैरोल दी थी। हालांकि, चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत की उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी।

नई दिल्ली। 2020 के दिल्ली दंगों के मुख्य आरोपी और पूर्व आम आदमी पार्टी पार्षद ताहिर हुसैन की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने ताहिर के वकील के अनुरोध पर सुनवाई मंगलवार तक के लिए टाल दी। ताहिर हुसैन को ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने दिल्ली की मुस्तफाबाद विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में उतारा है। वह चुनाव प्रचार के लिए जेल से बाहर आना चाहते हैं। कोर्ट में पेश वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ अग्रवाल ने चुनाव आयोग द्वारा नामांकन स्वीकार किए जाने का हवाला देते हुए ताहिर को चुनाव प्रचार की अनुमति देने की मांग की।

‘ऐसे लोगों के चुनाव लड़ने पर हो पाबंदी’

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस पंकज मिथल और अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच में याचिका पर सुनवाई के दौरान जस्टिस मिथल ने गंभीर आरोपों का जिक्र करते हुए कहा, “इस तरह के सभी लोगों के चुनाव लड़ने पर पाबंदी होनी चाहिए।” इस पर ताहिर के वकील ने तर्क दिया कि मामला जमानत दिए जाने के लिहाज से उपयुक्त है। वरिष्ठ वकील के आग्रह पर बेंच ने मंगलवार को मामले की सुनवाई करने का फैसला किया।

2020 दिल्ली दंगों का मुख्य आरोपी

ताहिर हुसैन 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के मुख्य आरोपियों में से एक है, जिनमें 50 से अधिक लोगों की जान गई थी। ताहिर पर आरोप है कि उन्होंने इंटेलिजेंस ब्यूरो के अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। दिल्ली हाई कोर्ट ने उन्हें विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने के वास्ते कस्टडी पैरोल दी थी। हालांकि, चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत की उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी।

AIMIM ने दिया टिकट

ताहिर हुसैन को AIMIM ने मुस्तफाबाद विधानसभा सीट से टिकट दिया है। पहले ताहिर आम आदमी पार्टी (AAP) से जुड़े हुए थे, लेकिन अब AIMIM के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। उनके नामांकन ने राजनीतिक हलकों में बहस छेड़ दी है, क्योंकि उन पर दंगे और अंकित शर्मा की हत्या के गंभीर आरोप हैं।

 

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