नई दिल्ली। दिल्ली शराब नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ निचली अदालत की कार्यवाही के आदेश पर रोक लगाने से उच्च न्यायालय ने फिलहाल इनकार कर दिया है। इसी के साथ दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल की याचिका पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा है। ईडी के आरोप पत्र पर संज्ञान लेते हुए ही दिल्ली की निचली अदालत ने आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल के खिलाफ ट्रायल को मंजूरी दी थी। केजरीवाल ने निचली अदालत के इस आदेश को एक दिन पहले ही हाईकोर्ट में चुनौती दी है।
गौरतलब है कि दिल्ली शराब नीति मामला आम आदमी पार्टी के नेताओं के गले की फांस बना हुआ है। इस मामले में दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल, पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया, आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह लंबे समय तक तिहाड़ जेल में बंद रहकर जमानत पर रिहा हुए हैं। इनके अतिरिक्त बीआरएस की विधान परिषद नेता और तेलंगाना के पूर्व सीएम के. चंद्रशेखर राव की बेटी के. कविता को भी जेल जाना पड़ा था, हालांकि अब उनको भी बेल मिल चुकी है।
शराब नीति घोटाले में ईडी और सीबीआई दोनों की तरफ से जांच की जा रही है। ईडी ने अपने आरोप पत्र में अरविंद केजरीवाल को इस घोटाले का किंगपिन बताया है। साथ ही मनीष सिसोदिया को भी प्रमुख आरोपी बताया है। ईडी का कहना है कि केजरीवाल और सिसोदिया के नेतृत्व में ही दिल्ली की नई शराब नीति बनाई गई और इसके जरिए आम आदमी पार्टी के नेताओं ने करोड़ों रुपए इधर-उधर किए। ईडी का आरोप है कि इस शराब नीति से जुड़े रुपयों का इस्तेमाल आम आदमी पार्टी ने गोवा विधानसभा चुनाव में भी किया था। के. कविता पर आरोप है कि उन्होंने साउथ की लॉबी को मैनेज करते हुए मनी लॉन्ड्रिंग में सहयोग किया।