नई दिल्ली। पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के साथ जारी तनाव के बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक खास निर्देश जारी किया है। गृह मंत्रालय ने कई राज्यों से कहा है कि वो 7 मई को सिविल डिफेंस के लिए मॉक ड्रिल करें। किसी भी प्रकार की आपात स्थिति से निपटने और अपने लोगों की सुरक्षा के मद्देनजर केंद्र सरकार ने राज्यों को ऐसा करने को बोला है। इस मॉक ड्रिल को इस लिहाज से भी अहम माना जा रहा है क्योंकि 1971 में जब भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ था तब इस तरह का सुरक्षा अभ्यास किया गया था।
<blockquote class=”twitter-tweet”><p lang=”en” dir=”ltr”>MHA has asked several states to conduct mock drills in for items for effective civil defence on 7th May: Government of India Sources <br><br>Following measures will be undertaken – <br>1.Operationalization of Air Raid Warning Sirens<br>2. Training of civilians, students, etc, on the civil…</p>— ANI (@ANI) <a href=”https://twitter.com/ANI/status/1919377808985370665?ref_src=twsrc%5Etfw”>May 5, 2025</a></blockquote> <script async src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” charset=”utf-8″></script>
मॉक ड्रिल के तहत की जाने वाली गतिविधियां-
– हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन को बजाना
– दुश्मन के द्वारा हमले की स्थिति में खुद को बचाने के लिए नागरिकों, छात्रों आदि को प्रशिक्षण देना
– क्रैश ब्लैक आउट उपायों का प्रावधान करना
– महत्वपूर्ण संयंत्रों और प्रतिष्ठानों को हमले से पहले समय रहते छिपाना
– लोगों को किसी जगह से निकालना, उसके लिए योजना बनाना और उसका पूर्वाभ्यास करना
भारत के इस कदम से पाकिस्तान की टेंशन और अधिक बढ़ने वाली है। पाकिस्तान को पहले भी इस बात का डर सता रहा है कि भारत कहीं हमला ना कर दे। पाकिस्तानी नेता आए दिन अपना डर छुपाने के लिए भारत को गीदड़भभकी दे रहे हैं हालांकि वो बातचीत से मुद्दे का समाधान करने की बात भी कर रहे हैं। उधर, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार उच्चाधिकारियों के साथ बैठक ले रहे हैं।
मोदी ने आज ही रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह को बुलाकर उनके साथ बातचीत की। इससे एक दिन पहले रविवार को पीएम ने वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह के साथ मीटिंग की थी। भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी के साथ भी मोदी बैठक कर चुके हैं। इससे पहले रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के साथ भी मोदी ने बैठक की थी जिसमें तीनों सेना प्रमुखों के अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ अनिल चौहान भी मौजूद थे। मोदी ने उस बैठक में सेना को टारगेट, टाइमिंग और उसकी प्लानिंग करने की खुली छूट दी थी।