News Room Post

Manmohan Singh Life Journey: आरबीआई के गवर्नर कैसे बने थे मनमोहन सिंह, जानिए प्रधानमंत्री बनने से पहले किन बड़े पदों पर कर चुके थे काम

Manmohan Singh Life Journey: डॉ. मनमोहन सिंह को देश में इकोनॉमी का मास्टर माना जाता था। उनका आर्थिक ज्ञान इतना गहरा था कि वर्ष 1982 में उन्हें भारतीय रिजर्व बैंक का गवर्नर नियुक्त किया गया। इस पद पर उन्होंने 1985 तक कार्य किया। इके अलावा, 1972 में उन्होंने चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर का पद भी संभाला और चार साल तक इस भूमिका में अपनी सेवाएं दीं।

Manmohan singh

नई दिल्ली। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता डॉ. मनमोहन सिंह का निधन हो गया है। वे दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती थे, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। डॉ. मनमोहन सिंह लंबे समय से दिल की बीमारी से जूझ रहे थे और उनकी कई बार बाईपास सर्जरी भी हो चुकी थी। उनके निधन की खबर से देशभर में शोक की लहर है।

 

अर्थशास्त्र के महान ज्ञाता

डॉ. मनमोहन सिंह को देश में इकोनॉमी का मास्टर माना जाता था। उनका आर्थिक ज्ञान इतना गहरा था कि वर्ष 1982 में उन्हें भारतीय रिजर्व बैंक का गवर्नर नियुक्त किया गया। इस पद पर उन्होंने 1985 तक कार्य किया। इके अलावा, 1972 में उन्होंने चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर का पद भी संभाला और चार साल तक इस भूमिका में अपनी सेवाएं दीं।


महत्वपूर्ण पदों पर योगदान

मनमोहन सिंह को 1985 में प्लानिंग कमीशन का हेड बनाया गया, जहां उन्होंने 1987 तक कार्य किया। उनकी सेवाओं के लिए उन्हें 1987 में पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया गया। इसके बाद 1991 में पीवी नरसिम्हा राव सरकार में उन्हें पहली बार वित्त मंत्री बनाया गया। उस समय देश गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा था, लेकिन मनमोहन सिंह ने अपनी नीतियों और आर्थिक सुधारों से देश को संकट से उबारा।

प्रधानमंत्री बनने का सफर

डॉ. मनमोहन सिंह को कांग्रेस पार्टी ने कई बार राज्यसभा भेजा। एक बार उन्होंने दिल्ली से लोकसभा चुनाव भी लड़ा, लेकिन हार गए। इसके बाद उन्होंने कभी चुनाव नहीं लड़ा। 2004 में सोनिया गांधी ने उन्हें प्रधानमंत्री का पद संभालने का प्रस्ताव दिया, जिसे उन्होंने स्वीकार किया। वे 2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे और इस दौरान देश के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।


देशभर में शोक

डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर देशभर में शोक की लहर है। उनके नेतृत्व और आर्थिक नीतियों को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों और नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है। उनके परिवार में शोक का माहौल है।

 

 

Exit mobile version