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Devendra Fadnavis Hits Back At Raj And Uddhav Thackeray : मुझे बताया गया था यह विजय रैली है, मगर…राज और उद्धव ठाकरे पर देवेंद्र फडणवीस का पलटवार

Devendra Fadnavis Hits Back At Raj And Uddhav Thackeray : महाराष्ट्र के सीएम बोले, रैली में मराठी मुद्दे पर बोलने के बजाय, उद्धव और राज ठाकरे ने अन्य मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया। इस रैली में सिर्फ सत्ता की भूख दिखाई दी। साथ ही फडणवीस ने कहा, मैं राज ठाकरे को धन्यवाद देता हूं जो उन्होंने दोनों भाइयों को एक करने का श्रेय मुझे दिया।

नई दिल्ली। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मनसे प्रमुख राज ठाकरे और शिवसेना यूबीटी के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे पर पलटवार किया है। सीएम ने उद्धव और राज ठाकरे की मराठी विजय रैली के बारे में कहा कि मुझे लगा था कि यह एक विजय रैली होगी, लेकिन यह शिकायतों से भरा कार्यक्रम निकला। मराठी मुद्दे पर बोलने के बजाय, उन्होंने अन्य मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया। यह मराठी विजय रैली नहीं बल्कि राजनीतिक रुदाली थी जिसमें सिर्फ सत्ता की भूख दिखाई दी। साथ ही सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा, मैं राज ठाकरे का धन्यवाद करता हूं, क्योंकि उन्होंने दोनों भाइयों को एक करने का श्रेय मुझे दिया।

फडणवीस बोले, हम भी मराठी हैं और हमें अपने मराठी होने पर गर्व है। हम हिंदुत्ववादी हैं और हिंदू होने पर हमें अभिमान है, उन्होंने कहा कि मराठी और गैर मराठी सभी लोग हमारे साथ हैं। आपको बता दें कि महाराष्ट्र सरकार द्वारा हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में लागू करने का फैसला लिया गया था। बाद में सरकार ने प्रस्ताव को वापस ले लिया। इस बात को अपनी जीत बताते हुए शिवसेना (यूबीटी) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने मुंबई के वर्ली डोम मराठी विजय रैली का आयोजन किया था। इस रैली में राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे एक साथ एक मंच पर नजर आए। 20 साल बाद दोनों भाई साथ आए। इस दौरान राज ठाकरे ने कहा था कि हम दोनों भाइयों को मिलाने का जो काम बालासाहेब नहीं कर पाए, वो देवेंद्र फडणवीस ने कर दिखाया।

इस रैली के बाद राज ठाकरे ने सोशल मीडिया पोस्ट किया जिसमें उन्होंने लिखा कि सभा में कुछ लोगों का उल्लेख नहीं हो पाया जिसके लिए मैं माफी मांगता हूं। उन्होंने मराठी समाचार चैनलों, मराठी अखबारों, मराठी भाषा के लिए काम करने वाले विभिन्न संगठनों, मराठी कलाकारों सहित उन सभी लोगों को धन्यवाद दिया जिन्होंने हिंदी को तीसरी भाषा के तौर पर लागू करने के महायुति सरकार के फैसले का विरोध किया।

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