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Yogi On Projects: ‘केंद्र से फंड न मिले तो राज्य के धन से शुरू हों प्रोजेक्ट्स’, सीएम योगी ने दिए मंत्रियों-अफसरों को निर्देश

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लखनऊ। यूपी में केंद्र की मदद से चलने वाली योजनाओं के बारे में सीएम योगी आदित्यनाथ ने बड़ा निर्देश दिया है। सीएम योगी ने शुक्रवार को वित्तीय वर्ष 2023-24 में बजट प्राविधान के सापेक्ष आवंटन और व्यय की समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिए कि अगर प्रोजेक्ट्स को शुरू करते वक्त केंद्र सरकार से उस वक्त तक लागत का हिस्सा न मिले, तो भी काम किया जाए। इसके लिए राज्य की तरफ से जो धन आवंटित हो, उसे इस्तेमाल करने के सीएम योगी ने निर्देश दिए। योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में प्रदेश के समग्र विकास के लिए केंद्र सरकार की तरफ से हमें हर संभव सहायता मिल रही है। केंद्र से सामंजस्य स्थापित कर अवशेष धनराशि प्राप्त की जाए।

उन्होंने निर्देश दिए कि विभागीय मंत्री खुद भारत सरकार के मंत्रियों से बात करें। केंद्र के अंश वाले धन के अभाव में प्रोजेक्ट्स को बंद न रखा जाए। सीएम योगी ने कहा कि नियम के मुताबिक राज्य का अंश जारी कर काम को किया जाए। उन्होंने ये भी कहा कि सभी विभाग शत-बंद उपयोगिता प्रमाण पत्र समय पर भेजना सुनिश्चित करें। सीएम योगी ने कहा कि प्रोजेक्ट्स समय पर प्रारंभ हों, इसके लिए ईपीसी की प्रक्रिया को और तेज करने की जरूरत है। बन रहे प्रोजेक्ट्स का स्थलीय निरीक्षण करने के भी सीएम योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए।

योगी ने समीक्षा बैठक में कहा कि वित्तीय वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही समाप्त हो चुकी है। सभी विभागों की तरफ से वर्तमान बजट में प्राविधानित धनराशि का यथोचित खर्च किया जाना सुनिश्चित किया जाए। आवंटन और व्यय में तेजी की अपेक्षा उन्होंने की है। विभाग स्तर भी पर खर्च की समीक्षा करने को योगी ने कहा। इसके अलावा निर्देश दिए कि मुख्य सचिव भी विभागीय आवंटन और व्यय की स्थिति की मासिक समीक्षा करें। योगी ने कहा कि उच्च शिक्षा, महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास, समाज कल्याण, ग्राम्य विकास, लोक निर्माण, खाद्य रसद, नगर विकास, चिकित्सा स्वास्थ्य, सिंचाई एवं जल संसाधन जैसे विभागों की अनेक योजनाएं सीधे आम जनता को प्रभावित करने वाली हैं। इनमें तेजी की जरूरत है। उन्होंने कहा कि  ग्राम पंचायतों और नगरीय वार्डों में डिजिटल लाइब्रेरी स्थापित करने की योजना महत्वपूर्ण है। बेसिक शिक्षा विभाग और पंचायती राज विभाग के साथ समन्वय बनाते हुए उच्च शिक्षा विभाग इसे तेजी से पूरा कराए।

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