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Jaishankar On Quad: ‘अब कोई हमारी पसंद पर मनमर्जी से नहीं कर सकता वीटो’, चीन को संकेतों में विदेश मंत्री जयशंकर ने दी नसीहत

Jaishankar On Quad: जयशंकर ने संकेतों में हिंद महासागर और प्रशांत महासागर इलाकों में दबदबा बढ़ा रहे चीन को संकेतों में नसीहत देते हुए कहा कि भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान का साथ मिलकर क्वॉड बनाना प्रभाव वाले इलाकों के खिलाफ शीतयुद्ध के बाद की सोच को आगे बढ़ाता है।

नई दिल्ली। साल 2014 में केंद्र में पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार बनी थी। इसके बाद भारत की विदेश नीति में बड़ा बदलाव देखने को मिला। आर्थिक हालात भी मजबूत हुए और अंतरराष्ट्रीय मसलों पर भी मोदी सरकार ने अपना एक मजबूत स्टैंड रखा। नतीजे में दुनिया के ज्यादातर देश अब भारत की बात सुनने और मानने लगे हैं। यहां तक कि अमेरिका जैसे देश भी भारत को सैन्य संसाधन और नई तकनीकी देने में आगे आने लगे। भारत की दुनियाभर में बढ़ी इसी हनक की बात अब विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने की है। दिल्ली में रायसीना सम्मेलन से इतर क्वॉड थिंक टैंक फोरम में विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि अब कोई भी हमारी पसंद पर मनमर्जी से वीटो नहीं कर सकता। दरअसल, चीन ने कई बार संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान में आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई की भारत की मांगों पर वीटो किया था। भारत के न्यूक्लियर सप्लाई ग्रुप यानी एनएसजी में प्रवेश पर भी उसने आपत्ति जताई थी।

जयशंकर ने संकेतों में हिंद महासागर और प्रशांत महासागर इलाकों में दबदबा बढ़ा रहे चीन को संकेतों में नसीहत देते हुए कहा कि भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान का साथ मिलकर क्वॉड बनाना प्रभाव वाले इलाकों के खिलाफ शीतयुद्ध के बाद की सोच को आगे बढ़ाता है। साथ ही बहुध्रुवीय व्यवस्था का विकास भी करता है। उन्होंने कहा कि क्वॉड एक ऐसा बयान है, जो अन्य समान विचारधारा वाले देशों की पसंद पर मनमर्जी से वीटो नहीं कर सकता। विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि क्वॉड दुनिया के हित में है और इसे व्यवस्था में बदलाव के लिए बनाया गया है। ये समान विचारधारा वाले देशों में समन्वय भी दिखाता है। साथ ही किसी देश पर दबाव बनाने की प्रवृत्ति के खिलाफ भी है।

विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि क्वॉड ने हिंद महासागर और प्रशांत महासागर इलाके की चुनौतियों और मुद्दों पर फोकस किया है। इसमें इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करना, आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई, समुद्री सुरक्षा, साइबर सुरक्षा और आपस में कनेक्टिविटी शामिल है। बता दें कि पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने क्वॉड बनाने का फैसला किया था। जिसमें जापान और ऑस्ट्रेलिया को शामिल किया गया। चीन की विस्तारवादी नीति से निपटने के लिए ही इस फोरम को बनाने का फैसला किया गया था, लेकिन चारों देश कह चुके हैं कि क्वॉड किसी देश के खिलाफ नहीं है।

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