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चीन ने LAC पर फायरिंग कर तोड़ा समझौता, जानिए दोनों देशों के बीच क्या हुआ था तय…

India china army

नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख (Eastern Ladakh) में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत और चीन (India & China) के सैनिकों के बीच फिर झड़प हो गई है। इसमें दोनों देशों की सेनाओं ने एक-दूसरे को डराने-धमकाने और पीछे धकेलने के लिए हवा में गोलीबारी की। यह घटना सोमवार को पैंगोंग त्सो (झील) के दक्षिणी तट के पास शेनपाओ पर्वत के पास हुई। हालांकि सीमा पर दोनों देशों के बीच में आजकल जो रहा है, वो आम तौर पर देखने को नहीं मिलता था। इतना जरूर था कि चीनी सैनिक हर मुमकिन मौके का फायदा उठाकर भारत की सीमा में घुसने की कोशिश करते रहे, लेकिन बात हथियारों या हिंसा तक पहुंचने से पहले ही समाप्त हो जाती थी। मगर, अब ऐसा नहीं है। तस्वीर पूरी बदल गई है। सीमा पर जवानों की मौत भी हो रही हैं और बंदूकों से गोलियां भी निकलने लगी हैं।

बता दें कि LAC पर फायरिंग की घटना इससे पहले 1975 में अरुणाचल प्रदेश की सीमा पर हुई थी, जहां चीनी सैनिकों ने विश्वासघात करते हुए भारतीय जवानों पर गोलियां बरसाईं थीं जिसमें 4 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। इस घटना के बाद दोनों देशों के बीच रिश्ते सुधारने पर जोर दिया गया और 1993 में एक अहम समझौता किया गया। ये समझौता तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव (PV Narasimha Rao) की चीन यात्रा के दौरान किया गया था।

यहां जानिए 1993 के समझौते की मुख्य बातें-

-LAC के जरिए विश्वास बहाली पर काम किया जाएगा।
– जिन क्षेत्रों पर सहमति बनी है वहां किसी भी तरफ से मिलिट्री गतिविधियां नहीं की जाएंगी।
– LAC के पास अगर सैन्य अभ्यास किया जाता है दोनों देश इसकी सूचना पहले ही साझा करेंगे।
– दोनों देशों की वायुसेना हवाई सीमा में घुसपैठ नहीं करेंगी।
– LAC के आसपास एयरफोर्स के अभ्यास पर संभावित प्रतिबंधों पर दोनों पक्ष विचार करेंगे।
– बॉर्डर के मुद्दों का हल तलाशने के लिए एक ज्वाइंट वर्किंग ग्रुप बनाया जाएगा।

हालांकि, इस समझौते के बाद भी चीन और भारत के बीच दो अहम समझौते हुए। इस समझौते की मूल भावना भी सीमा पर शांति ही थी, जिसके लिए कुछ स्पेसिफिक बिंदु भी जोड़े गए।

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