नई दिल्ली। भारत ने बांग्लादेश में इस्कॉन के पुजारी चिन्मय कृष्ण दास प्रभु की गिरफ्तारी के मामले में प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय ने चिन्मय कृष्ण की गिरफ्तारी और उनको जमानत न दिए जाने को लेकर गहरी चिंता जताई है। भारत ने कहा कि हम बांग्लादेश में हिंदू पुजारी की गिरफ्तारी के खिलाफ शांतिपूर्वक विरोध कर रहे अल्पसंख्यकों पर हमलों पर भी चिंतित हैं। हम बांग्लादेश के अधिकारियों से हिंदुओं और सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह करते हैं और इसमें शांतिपूर्ण तरीके से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उनका अधिकार भी शामिल है।
<blockquote class=”twitter-tweet”><p lang=”en” dir=”ltr”>Our statement on the arrest of Chinmoy Krishna Das:<a href=”https://t.co/HbaFUPWds0″>https://t.co/HbaFUPWds0</a> <a href=”https://t.co/cdgSx6iUQb”>pic.twitter.com/cdgSx6iUQb</a></p>— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) <a href=”https://twitter.com/MEAIndia/status/1861326702414106960?ref_src=twsrc%5Etfw”>November 26, 2024</a></blockquote> <script async src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” charset=”utf-8″></script>
चिन्मय कृष्ण दास को बांग्लादेश की पुलिस ने राजद्रोह के आरोप में सोमवार को गिरफ्तार किया था। पिछले दिनों बांग्लादेश के चटगांव में हिंदुओं पर हुए हमले का विरोध करते हुए चिन्मय कृष्ण दास प्रभु ने 22 नवंबर को प्रदर्शन किया था। इसी के चलते उन पर राजद्रोह की कार्रवाई की गई। वहीं, चिन्मय कृष्ण दास को गिरफ्तार किए जाने के विरोध में ढाका और चटगांव में हिंदुओं ने पैमाने पर प्रदर्शन किया। जिसके बाद जमात-ए-इस्लामी के कार्यकर्ताओं ने हिंदुओं पर हमला कर दिया। इस हमले में हिंदू समुदाय के 50 से ज्यादा लोगों के घायल होने की खबर है।
उधर चिन्मय कृष्ण दास को जब अदालत में पेशी के लिए ले जाया जा रहा था तो उन्होंने हिंदुओं से एकजुट होकर आंदोलन को योजना को जारी रखने का आह्वान किया। आपको बता दें भारत ने इससे पहले हिंदुओं पर हमले के मामले में सख्त रुख अपनाते हुए बांग्लादेश के समक्ष अपनी आपत्ति दर्ज की थी। इस्कॉन ने चिन्मय कृष्ण की गिरफ्तारी के बाद भारत से इस मामले में हस्तक्षेप की अपील की है। चिन्मय कृष्ण दास बांग्लादेश सनातन जागरण मंच के प्रमुख नेता और इस्कॉन चटगांव के पुंडरीक धाम के अध्यक्ष हैं।