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NSA of India: अजीत डोभाल ने ऋषिकेश में गंगा तट से कड़ा संदेश दिया, कहा देश के स्वाभिमान की रक्षा के लिए जरूरत पड़ी तो सीमा ही नहीं, सीमा से बाहर…

NSA of India: अपनी यात्रा के पहले दिन अजीत डोभाल (Ajit Doval) ने सपरिवार परमार्थ निकेतन ऋषिकेश (Rishikesh) में गंगा दर्शन किया। स्वामी चिदानन्द सरस्वती और डा. साध्वी भगवती सरस्वती द्वारा दुर्गापूजा के अवसर पर किए गए हवन में भी वह श्रद्धापूर्वक सम्मिलित हुए।

Ajit Doval Hrishikesh

नई दिल्ली। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल दो दिन के निजी दौरे पर शुक्रवार को उत्तराखंड पहुंचे थे। वहां दो दिन रूकने के बाद वह दिल्ली के लिए रवाना हो गए। इस यात्रा के दौरान वह अपने गांव पौड़ी पहुंचे इससे पहले वह ऋषिकेश में गंगा घाट पर परमार्थ निकेतन पर भी रूके थे। पौड़ी में अपने गांव पहुंचे अजीत डोभाल ने वहां अपने पैतृक घर को फिर से बनवाने की इच्छा जताई। इस दौरान उन्होंने ऐसा काम किया कि उनकी एक बात ने सबका दिल जीत लिया। जब वे पत्नी अरुणा डोभाल के साथ पौड़ी पहुंचे तो उन्होंने अपने दौरे के दौरान ग्रामीणों से सारी बातें गढ़वाली भाषा में ही की। सबसे पहले वे सिद्धपीठ मां ज्वाल्पा देवी की पूजा के लिए गए थे। वहां मंदिर परिसर में करीब 50 मिनट तक वहां रहे। इस दौरान उन्होंने मंदिर में पुजारियों और ग्रामीणों से गढ़वाली भाषा में बातें की।

अपनी यात्रा के पहले दिन अजीत डोभाल ने सपरिवार परमार्थ निकेतन ऋषिकेश में गंगा दर्शन किया। स्वामी चिदानन्द सरस्वती और डा. साध्वी भगवती सरस्वती द्वारा दुर्गापूजा के अवसर पर किए गए हवन में भी वह श्रद्धापूर्वक सम्मिलित हुए। यहां अजीत डोभाल की उपस्थिति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का देश के लिए किए जा रहे कामों को लेकर तारीफ की गई। इसके साथ ही अजीत डोभाल के सम्मान में भी कई बातें कही गई। परमार्थ निकेतन में प्रतिदिन प्रातःकालीन प्रार्थना, हवन, और राष्ट्रगान नियमित रूप से होता है। जिसमें अजीत डोभाल ने भी हिस्सा लिया। इसके साथ ही यहां पीएम मोदी द्वारा किए जा रहे सोलर एनर्जी के क्षेत्र में काम को लेकर भी काफी सराहना की गई। इसके साथ ही स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने जमकर पीएम मोदी और अजीत डोभाल की तारीफ की। इस अवसर पर एनएसए अजीत डोभाल ने कहा कि मैं वह नहीं हूं जिसके बारे में स्वामी जी ने कहा है। डोभाल ने कहा कि हम राष्ट्र की सुरक्षा नहीं राज्य की सुरक्षा करते हैं क्योंकि राज्य की सीमा होती लेकिन राष्ट्र की अपनी संस्कृति, संस्कार होते हैं। ये सब तो आप साधु संत लोग ऋषि मुनि लोग करते हैं। राज्य नहीं रहेगा तो भी राष्ट्र आगे चलता रहेगा। हम हजार साल तक किसी और के गुलाम रहे लेकिन आज भी हमारी राष्ट्रीयता जीवंत रहा है। ये आपलोगों की मंत्रों की वेदों से आस्था की वजह से संभव हो पाया है। हमने (भारत ने) अपने स्वार्थ के लिए नहीं हमेशा परमार्थ के लिए लड़ाई लड़ी।

इसी मौके पर अजीत डोभाल ने ऋषिकेश में गंगा तट से कड़ा संदेश दिया। किसी देश का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है कि भारत ने कभी किसी पर हमला नहीं किया, लेकिन देश के स्वाभिमान की रक्षा के लिए जरूरत पड़ी तो सीमा ही नहीं, सीमा से बाहर जाकर भी युद्ध कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि ‘नया भारत अलग सोच का है। अपने स्वार्थ के लिए किसी को छेड़ेंगे नहीं और स्वाभिमान की रक्षा के लिए किसी को छोड़ेंगे नहीं।’


अजीत डोभाल ने कहा कि हमने दुनिया की बड़ी से बड़ी सभ्यताओं का पतन होते देखा तो नई सभ्यताओं को विकसित होते भी देखा, लेकिन भारतीय सभ्यता पूरी दुनिया में अनोखी है। सैकड़ों वर्षों तक विदेशी आक्रमण और गुलामी झेलने के बावजूद कोई भी बाहरी सभ्यता इस देश पर प्रभाव नहीं जमा सकी।


उन्होंने कहा कि इसका बड़ा कारण हमारी आध्यात्मिक शक्तियां हैं। उन्होंने कहा कि एक फौजी भले ही सीमा पर भौतिक रूप से देश की सीमाओं की रक्षा करता है, मगर देश में लाखों-करोड़ों लोग वास्तव में अपनी संस्कृति और आस्था के साथ राष्ट्र को जोड़ने का काम करते हैं। उन्होंने कहा कि भारत में बड़ी संख्या में विदेशी सिर्फ यही देखने आते हैं कि आखिर भारतीयों के भीतर ऐसी क्या शक्ति है, जो एक सशक्त राष्ट्र का निर्माण करती है। नौजवानों का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि प्रत्येक युवा देश का योद्धा है और इसी भावना के साथ हमें एक सशक्त भारत का निर्माण करना है।

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