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FATF List And Pakistan: पाकिस्तान को करारी चोट देने की तैयारी में भारत, सूत्रों के मुताबिक FATF वाला बनाया प्लान

FATF List And Pakistan: पाकिस्तान पर पहले भी आरोप लगा था कि वो आतंकी संगठनों को वित्तीय मदद करता है। इसी वजह से पाकिस्तान को एफएटीएफ ने ग्रे लिस्ट में रखा था। पाकिस्तान ने ऐसे में बचने के लिए लश्कर-ए-तैयबा के चीफ आतंकी हाफिज सईद और कुछ अन्य दहशतगर्दों के खिलाफ दिखावे की कानूनी कार्रवाई की थी। जिसके बाद उसे 2022 में एफएटीएफ ने ग्रे लिस्ट से निकाल दिया था। फिर पाकिस्तान अपने पुराने ढर्रे पर आ गया और आतंक फैलाने लगा।

narendra modi and shehbaz sharif

नई दिल्ली। पाकिस्तान के लिए नई मुश्किल खड़ी हो सकती है। सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान को फिर फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स यानी एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में लाने की भारत सरकार कोशिश कर रहा है। पाकिस्तान साल 2018 में भी एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में रहा था। एफएटीएफ आतंकी संगठनों को वित्तीय मदद, हवाला और मनी लॉन्ड्रिंग करने वाले देशों को ग्रे और ब्लैक लिस्ट करता है। जिस देश को एफएटीएफ ग्रे लिस्ट में रखता है, उसके लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) या वर्ल्ड बैंक से कर्ज लेना आसान नहीं होता। उसे फिर ऐसे कदम उठाने पड़ते हैं, ताकि एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से निकल सके।

 

पाकिस्तान पर पहले भी आरोप लगा था कि वो आतंकी संगठनों को वित्तीय मदद करता है। इसी वजह से पाकिस्तान को एफएटीएफ ने ग्रे लिस्ट में रखा था। पाकिस्तान ने ऐसे में बचने के लिए लश्कर-ए-तैयबा के चीफ आतंकी हाफिज सईद और कुछ अन्य दहशतगर्दों के खिलाफ दिखावे की कानूनी कार्रवाई की थी। जिसके बाद उसे 2022 में एफएटीएफ ने ग्रे लिस्ट से निकाल दिया था। सूत्रों के मुताबिक अब भारत सरकार एक बार फिर एफएटीएफ को ऐसे सबूत देने जा रही है कि पाकिस्तान किस तरह आतंकी संगठनों की वित्तीय मदद कर रहा है। भारत सरकार ने अगर पक्के सबूत सौंपे, तो एक बार फिर पाकिस्तान को एफएटीएफ अपनी ग्रे लिस्ट में रख सकता है। ऐसे में पाकिस्तान के लिए अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से वित्तीय मदद मिलनी मुश्किल होगी।

भारत सरकार ने पहले ही वर्ल्ड बैंक और आईएमएफ से कहा है कि वे पाकिस्तान को कर्ज न दें। भारत ने लगातार दलील दी है कि इन अंतरराष्ट्रीय संस्थानों से वित्तीय मदद लेकर पाकिस्तान अपने यहां के आतंकी संगठनों की मदद करता है। बीते दिनों जब आईएमएफ ने पाकिस्तान को और 1 अरब डॉलर की वित्तीय मदद देने का फैसला किया, तो भारत सरकार के डायरेक्टर ने इसका विरोध किया था। भारत सरकार के विरोध के बावजूद आईएमएफ ने पाकिस्तान को ये रकम दे दी। हालांकि, आईएमएफ ने 1 अरब डॉलर देने के बदले पाकिस्तान पर 11 और कड़ी शर्तें लगाई हैं। पाकिस्तान पर आईएमएफ की शर्तों की संख्या अब 50 पहुंच गई है। अगर भारत सरकार एक बार फिर एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में पाकिस्तान का नाम चढ़वाने में सफल होती है, तो पाकिस्तान अपनी आतंकी हरकतों पर लगाम कस सकता है।

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