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Russia-Ukraine crisis: युद्ध की सरगर्मियों के बीच एक्शन में भारतीय दूतावास, महज एक घंटे के अंदर जारी की दूसरी एडवाइजरी

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नई दिल्ली। रूस द्वारा यूक्रेन में मचाई जा रही तबाही को देखते हुए पूरा विश्व तो चिंतित है ही, भारत भी इसकी गंभीरता को समझ रहा है। वहां फंसे भारतीय छात्रों को निकालने के लिए भातर सरकार द्वारा एक तरफ जहां ऑपरेशन गंगा शुरू किया गया, वहीं इस कार्य को गति प्रदान करने के लिए वायुसेना का भी सहारा लिया गया। विदित है कि घमासान युद्ध के बीच भारत सरकार द्वारा कई एडवाइजरी भी लगातार जारी की जा रही है। लेकिन कल से जो एडवाइजरी जारी की जा रही है, उसमें सख्ती काफी दिखाई दे रही है। आज भी कीव में भारतीय एंबेसी के तरफ से एक घंटे के अंदर दो सख्त एडवाइजरी जारी की गई है। इससे पता चलता है कि मामला लगातार बिगड़ता जा रहा है और अब वहां से जल्द से जल्द निकासी ही बेहतर उपाय है..


खारकीव में फंसे सभी भारतीयों के लिए ये एक अर्जेंट एडवाइजरी है- कीव में भारतीय एंबेसी

कीव में मौजूद भारतीय एंबेसी ने पहला एडवाइजरी जारी करते हुए लिखा कि, – ‘खारकीव में फंसे सभी भारतीयों के लिए ये एक अर्जेंट एडवाइजरी है, यूक्रेन में बिगड़ते हालात को देखते हुए आपलोग अपनी सुरक्षा और सेफ्टी की खातिर खारकीव को जल्द से जल्द छोड़ दें। आप अपनी सुरक्षा की खातिर जितनी जल्दी हो सके उतनी जल्दी पेशोचीन, बबाए, बेजलीवोडोउका के लिए प्रस्थान करें। किसी भी परिस्थिति में आपलोग आज 18:00 (यूक्रेनियन समयानुसार) तक इन इलाकों में पहुंचे।’


भारतीय एंबेसी ने एक घंटे में दूसरी एडवाइजरी जारी की

शायद यूक्रेन में अब मामला गंभीर से गंभीरतम होता जा रहा है। यही वजह है कि एक घंटे के भीतर कीव में स्थित भारतीय दूतावास ने दूसरी एडवाइजरी जारी की है। जो दूसरी एडवाइजरी जारी की गई है उसमें पहले वाले एडवाइजरी का मैसेज तो है ही, थोड़ा बढ़ाते हुए और लिखा गया है कि- ‘वे स्टूडेंट्स जिन्हें बस, गाड़ियां नहीं मिल पा रही हैं और जो रेलवे स्टेशन पर मौजूद हैं, वे पैदल प्रस्थान कर सकते हैं। रेलवे स्टेशन से पिशोचिन के लिए दूरी 11 किमी, बबाई के लिए 12 किमी तथा बेजलीवोडोउका के लिए 16 किमी दूरी है। इन जगहों के लिए तुरंत प्रस्थान करें।’

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