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अब कोहरे के कारण ट्रेनें नहीं होंगी लेट, इस डिवाइस से लैस होंगी रेलगाड़ियों, परिचालन होगा बेहतर

Indian Railways: FSD डिवाइस को लेकर लोको पायलट धनंजय कुमार ने बताया कि इस डिवाइस के मिलने से हम लोगों को बहुत सुविधा मिली है। यह मशीन सिग्नल को पहले ही लोकेट कर देता है कि अब आगे कौन सा स्टेशन(Railway Station) आने वाला है।

नई दिल्ली। अक्सर सर्दियों के मौसम में घने कोहरे के कारण ट्रेनें अपने निर्धारित समय से अपने गंतव्य स्टेशन तक नहीं पहुंच पाती हैं। इसके चलते यात्रियों को विलंब से अपनी यात्रा पूरी करनी पड़ती है। लेकिन अब भारतीय रेलवे ने ट्रेनों को लेट होने से बचाने के लिए विशेष तैयारी की है। बता दें कि रेलगांड़ियों को अब (FSD) फॉग सेफ्टी डिवाइस से लैस किया गया है, जिसके चलते कुहासे में भी ट्रेनों का परिचालन को सामान्य तरीके से बना रहेगा। इस डिवाइस को लेकर डीआरएम दानापुर सुनील कुमार ने जानकारी दी कि, रेल चालक को फॉग सेफ्टी डिवाइस मशीन से यह मालूम हो जाता है कि आगे का सिग्नल कब आने वाला है या कौन सा स्टेशन आने वाला है। उन्होंने जानकारी दी कि, लगभग अभी एंटी फॉग डिवाइस 250 ट्रेनों में दिया गया है, जिससे ये ट्रेन कोहरे से लेट ना हों।इस मशीन के जरिए लोको पायलट को आगे आने वाले सिग्नल और प्लेटफार्म की जानकारी मिलेगी। बता दें कि लोको पायलट को उनके आगे लगी स्क्रीन पर सिग्नल और प्लेटफार्म की जानकारी लिखकर मिलेगी। इससे लोको पायलट के लिए अपनी ट्रेन पर समय रहते कंट्रोल करना आसान हो जाएगा।

बता दें कि इससे सबसे अधिक फायदा यात्रियों को होगा और उन्हें अपनी यात्रा देरी से नहीं पूरी करनी होगी।इसके अलावा कोहरे के चलते होने वाली ट्रेन दुर्घटना में भी कमी आएगी। डीआरएम ने सुनील कुमार ने कहा कि रेल पटरियों के ठंड के मौसम में चटकने की संभावना अधिक रहती है, इसके सुरक्षा के लिए पेट्रोलिंग मैन और ट्रैक मैन को जीपीएस सिस्टम दिया गया है।

उन्होंने कहा कि, रेलवे की इस डिवाइस से जहां यात्रियों को तो सुविधा होगी ही, साथ ही लोको पायलट भी इस मशीन को ट्रेन में लगाए जाने के बाद आने वाली समस्या से निजात पा लेंगे। उन्हें कुहासे के कारण आगे की स्थिति पता लगाने में दिक्कत नहीं होगी और वो सुरक्षित ट्रेन को प्लेटफॉर्म पर लगा सकेंगे।

FSD डिवाइस को लेकर लोको पायलट धनंजय कुमार ने बताया कि इस डिवाइस के मिलने से हम लोगों को बहुत सुविधा मिली है। यह मशीन सिग्नल को पहले ही लोकेट कर देता है कि अब आगे कौन सा स्टेशन आने वाला है। यह मशीन सिग्नल के साथ-साथ हॉल्ट गेट की जानकारी भी देता है। इससे ट्रेन को कंट्रोल करने में काफी मदद मिलती है। अब ट्रेन को लेट होने की संभावना कम रहेगी।

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