News Room Post

#BoycottMaldives: PM मोदी की लक्षद्वीप यात्रा पर मालदीव के इस बयान से भड़के भारतीय, ऐसे सिखाया कड़ा सबक

नई दिल्ली। “साहब!, आप होंगे तुर्रम-खां अपने घर में, लेकिन अगर आप हमारे प्रधानमंत्री के बारे में कुछ भी अनाप-शनाप कहने की जुर्रत करेंगे, तो आपको इसकी भारी कीमत चुकानी होगी। बहुत मुमकिन है कि आपको इसके लिए सार्वजनिक मंच पर आकर माफी भी मांगनी पड़े। अगर आप माफी नहीं मांगते, तो फिर खुद को आम भारतीयों के कोप का सामना करने के लिए तैयार कर लीजिएगा।” अब आप इतना सबकुछ पढ़ने के बाद मन ही मन सोच रहे होंगे कि आखिर साहब ऐसा क्या हो गया कि आप इस तरह की भूमिका रचाने में मशगूल हो गए। आखिर माजरा क्या है? जरा कुछ बताएंगे, तो चलिए आगे कि रिपोर्ट में हम आपको सबकुछ तफ़सील से बताते हैं।

जानिए पूरा माजरा 

पता तो होगा ही आपको कि बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लक्षद्वीप की यात्रा पर गए थे, जहां उन्होंने कुछ समय अकेले में व्यतीत किया। इस दौरान जहां उन्होंने प्राकृतकि सौंदर्यता का लुत्फ उठाया, तो वहीं दूसरी तरफ सियासी झंझावत से खुद को दूर रखते हुए एकांत में भी कुछ क्षण बिताया। यही नहीं, प्रधानमंत्री ने इन पलों को तस्वीरों में कैद कर अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर भी साझा किया। अब पीएम मोदी की फैन फॉलोइंग के बारे में तो आपको पता ही होगा।

जैस ही प्रधानमंत्री ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर तस्वीरें साझा कीं, तो पलक झपकते ही यह करोड़ों लोगों तक पहुंच गई जिसके बाद सभी ने अलग-अलग तरह से इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी। किसी ने इसे अच्छा तो किसी ने इसमें आलोचनात्मक तथ्य भी निकाल दिए। आपको बता दें कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्य़क्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने तो यहां तक कह दिया कि प्रधानमंत्री मणिपुर नहीं जाते हैं, जबकि लक्षद्वीप एन्जॉय करने जाते हैं।

विदेशी में आया सियासी ज्वार

दरअसल, पीएम मोदी के लक्षद्वीप यात्रा पर मालदीव के मंत्री ने कहा कि, ‘इससे आगामी दिनों में भारत को मालदीव के साथ समुद्र पर्यटन में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। बता दें कि मालदीव के मंत्री के इस ट्वीट के बाद कई भारतीय खफा हो गए और उन्होंने मालदीव के नेताओं को सोशल मीडिया पर अच्छा खासा मचा चखा दिया है। इतना ही नहीं, उक्त बयान के बाद सोशल मीडिया पर बॉयकॉट मालदीव भी ट्रेंड कर रहा है। इसके अलावा कई भारतीयों ने अपनी मालदीव की यात्रा भी रद्द कर दी है।

Exit mobile version