नई दिल्ली। जस्टिस यशवंत वर्मा के दिल्ली हाईकोर्ट में रहते राजधानी में उनके आवास के स्टोर रूम में काफी कैश जला था। इस मामले में सीजेआई रहे संजीव खन्ना ने 3 जजों की कमेटी से जांच कराई थी। जांच कमेटी ने 6 मई को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। ताजा खबर ये है कि जस्टिस यशवंत के घर कैश जलने से संबंधित 3 जजों की कमेटी की जांच रिपोर्ट को सुप्रीम कोर्ट ने सार्वजनिक करने से मना कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने सीजेआई रहे संजीव खन्ना की तरफ से जस्टिस यशवंत वर्मा के घर कैश जलने के मामले में राष्ट्रपति और पीएम को भेजी गई चिट्ठी की कॉपी देने से भी इनकार कर दिया है।
जानकारी के मुताबिक अमृतपाल सिंह खालसा ने सुप्रीम कोर्ट के सेंट्रल पब्लिक इन्फॉर्मेशन अफसर के दफ्तर में जस्टिस यशवंत वर्मा के घर कैश जलने के मामले में हुई जांच की रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग की थी। साथ ही अमृतपाल सिंह खालसा ने सीजेआई रहे संजीव खन्ना की ओर से राष्ट्रपति और पीएम को भेजी चिट्ठी की कॉपी भी मांगी थी। सुप्रीम कोर्ट के सूचना अधिकारी ने अमृतपाल सिंह खालसा का आवेदन नकार दिया। सूचना अधिकारी ने इसके लिए सुप्रीम कोर्ट बनाम सुभाष चंद्र अग्रवाल के फैसले का हवाला दिया। सुप्रीम कोर्ट के सूचना अधिकारी ने अमृतपाल सिंह खालसा को बताया कि जस्टिस यशवंत वर्मा से संबंधित जांच रिपोर्ट या तत्कालीन सीजेआई की कॉपी इस फैसले के आलोक में नहीं दी जा सकती। उन्होंने आरटीआई एक्ट के प्रावधानों को भी आवेदन नकारे जाने का आधार बताया है।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट की 2 जजों की बेंच ने 3 वकीलों की ओर से दाखिल उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ पुलिस केस दर्ज करने की मांग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने याचिका करने वालों से कहा था कि जस्टिस यशवंत वर्मा के आवास पर कैश जलने के मामले में जजों की कमेटी की जांच रिपोर्ट किसी ने नहीं देखी है। ऐसे में केस दर्ज करने का आदेश नहीं दिया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने याचिका करने वालों से राष्ट्रपति और पीएम से गुहार लगाने को कहा था। जस्टिस यशवंत वर्मा के दिल्ली स्थित आवास में 14 मार्च 2025 की रात आग लगी थी। आग बुझाने के दौरान कथित तौर पर काफी जला हुआ कैश दिखा। जिसका वीडियो पुलिसकर्मियों ने बनाया था। जस्टिस यशवंत वर्मा ने इसमें साजिश का शक जताया है। सीजेआई रहे संजीव खन्ना ने जांच रिपोर्ट आने के बाद जस्टिस यशवंत वर्मा को इस्तीफा देने या महाभियोग का सामना करने को कहा था। सूत्रों के जरिए मीडिया ने तब बताया था कि जस्टिस यशवंत वर्मा ने इस्तीफा देने से साफ इनकार कर दिया।