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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर इन 16 ‘नारी शक्ति’ को देश का सलाम, पीएम मोदी ने भी की मुलाकात

नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने यहां राष्ट्रपति भवन में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आयोजित एक समारोह में 12 नारी शक्ति पुरस्कार प्रदान किया। इस मौके पर महिला व बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी, वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण, समेत अन्य गणमान्य मौजूद रहे।Narendra Modi With Nari Shakti Woman1
यहां पुरस्कार पाने वाली सफल महिलाओं का परिचय इस प्रकार हैं :

पदाला भूदेवी : आंध्रप्रदेश की रहने वाली भूदेवी महिला किसानों व ग्रामीण महिला उद्यमियों के लिए रोल मॉडल हैं। वह अपने संगठन चेन्नई आदिवासी विकास सोसायटी के जरिए जनजातीय महिला, विधवाओं के लिए काम करती हैं। उनकी शादी 11 वर्ष की उम्र में ही कर दी गई थी। पति द्वारा मानसिक व शारीरिक यातना झेलने के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और यह मुकाम हासिल किया।


वीणा देवी : वीणा देवी ने अपने अथक प्रयास से मुंगेर के पांच ब्लॉक के 105 गांवों में मशरूम खेती की अलख जगा दी है, जिसकी वजह से 1500 परिवारों के जीवन-यापन में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। इसके अलावा वीणा देवी डिजिटल प्रशिक्षण के काम में भी लगी हुई हैं। इन्हीं की बदौलत इस क्षेत्र की 700 महिलाओं ने मोबाइल इस्तेमाल करने का तरीका सीखा।


चामी मुर्मू : मूर्मू ने पिछले 24 सालों में 25 लाख से ज्यादा पौधे लगाया है। मुर्मू पिछले 24 सालों से झारखंड के एक छोटे से इलाके राजनगर में पर्यावरण संरक्षण का काम करती आ रही हैं। अपने इस अभियान में उन्होंने 3000 से ज्यादा महिलाओं को भी जोड़ा है। इसके साथ ही लोगों की आर्थिक स्थिति सुधरे और पर्यावरण को नुकसान भी न हो, इसके लिए वाटर हार्वेस्टिंग के साथ-साथ बकरी पालन, कुक्कु ट पालन जैसे कार्यो को भी वह बढ़ावा देती हैं। उनकी इस मुहिम का लाभ हजारों महिलाएं उठा चुकी हैं।


आरिफा जान : श्रीनगर की आरिफा नुमदा हैंडिक्राफ्ट की संस्थापक हैं और भुलाए जा चुके कला को पुनर्जीवित करने का काम करती हैं। उन्होंने कश्मीर में 100 से ज्यादा महिलाओं को प्रशिक्षित किया है।


निल्जा वांग्मो : निल्जा एक उद्यमी है और आल्ची किचन रेस्तरां चलाती हैं। रेस्तरां में लद्दाखी खाने और पुराने व्यंजनों को परोसा जाता है। उन्होंने लद्दाख के दूरदराज इलाकों के 20 महिलाओं को प्रशिक्षित किया है।


रश्मि : रश्मि बीते 36 वर्ष से रिसर्च एंड डवलपमेंट प्रोफेशनल हैं। 2014 के बाद से, वह ऑटोमेटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया(एआरएआई) की निदेशक हैं। उन्हें ऑटोमेटिव आर एंड डी का विशाल अनुभव है।


मान कौर : इन्होंने 93 वर्ष की उम्र में अपना एथलीट करियर शुरू किया। ये अबतक वर्ल्ड मास्टर्स एथलीट चैंपियनशिप, पौलेंड में चार गोल्ड(ट्रेक एंड फील्ड) जीत चुकीं हैं। इसके अलावा भी उन्होंने कई पुरस्कार अपने नाम किए हैं। वह फिट इंडिया मूवमेंट से भी जुड़ी हुई हैं। ऑस्टियोपोरोसिस होने के बावजूद उन्होंने दिखाया कि कैसे ढृढ़ इच्छाशक्ति से सफलता हासिल की जा सकती है।


कलावती देवी : कलावती देवी ने कानपुर में खुले में शौच के खिलाफ मुहिम छेड़ी थी और उन्होंने कानपुर के आसपास 4,000 शौचालय बनवाने में सहयोग किया है।


ताशी और नुंग्शी मलिक : दोनों बीते 8 वर्षो से पर्वतारोहण करती हैं। दोनों पहली जुड़वा थीं, जिन्होंने 2013 में माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई की थी।


कौशिकी चक्रवर्ती : चक्रवर्ती को भारतीय शास्त्रीय गायन का 15 वर्षो का लंबा अनुभव है। वह ख्याल और ठुमरी में पारंगत हैं। उन्होंने ब्रिटेन और अमेरिका समेत पांच देशों में परफॉर्म किया है।


भागीरथी अम्मा और कार्तियानी अम्मा : दोनों ने कक्षा चार की साक्षरता स्तरीय परीक्षाओं को पास किया है। भागीरथी अम्मा 105 वर्ष की उम्र में केरल राज्य साक्षरता मिशन के अंतर्गत साक्षरता परीक्षा पास करने वाली सबसे बुजुर्ग महिला हैं। वहीं कार्तियानी अम्मा ने अगस्त 2018 में चौथे स्तर की साक्षरता परीक्षा को न सिर्फ पास किया बल्कि 98 प्रतिशत नंबर से उत्तीर्ण हुई।


इसके अलावा भारतीय वायु सेना की महिला लड़ाकू पॉयलटों अवनी चतुर्वेदी, भावना कांत और मोहना सिंह जिटरवाल को सम्मानित किया गया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  से भी हुई ‘नारी शक्ति’ सम्मान से सम्मानित  महिलाओं की मुलाकात

देशवासियों के लिए प्रेरणा बन चुकीं सात महिलाओं को ट्वीटर अकाउंट समर्पित करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘नारी शक्ति पुरस्कार’ से सम्मानित महिलाओं से बातचीत की। इस दौरान महिलाओं को संबोधित करते हुए उन्होंने पूछा कि जब आपने अपना काम शुरू किया, तो आपने इसे एक मिशन के रूप में किया होगा या जीवन में कुछ मूल्यवान करने के लिए किया होगा या फिर बस आप वक्त के प्रवाह के साथ चलते चले गए होंगे। आपने यह किसी इनाम के लिए नहीं किया, लेकिन आज आप दूसरों के लिए प्रेरणा बन गए हैं।

इस दौरान कश्मीर से आईं आरिफा ने ‘नारी शक्ति पुरस्कार’ प्राप्त करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत में अपनी सफलता की कहानी साझा की। उन्होंने कहा कि आम तौर जमीनी स्तर से शुरूआत करने वाले उद्यमियों के लिए सराहना पाना कठिन होता है।

पीएम मोदी ने ‘नारी शक्ति पुरस्कार’ से सम्मानित भूदेवी (इन्होंने आदिवासी क्षेत्रों में महिलाओं को उद्यमिता क्षमता विकसित करने में मदद की) के साथ बातचीत की। पीएम ने कहा कि मैं आपको आपके प्रयासों के लिए बधाई देता हूं। इस वर्ष सरकार ने किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के लिए एक बहुत बड़ा मिशन शुरू किया है, आपको इसका लाभ उठाना चाहिए।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एथलेटिक्स में उपलब्धियां हासिल करने वाली और ‘नारी शक्ति पुरस्कार’ पाने वाली 103 वर्षीय मान कौर का आशीर्वाद भी लिया।


उत्तराखंड की पर्वतारोही बहनें ताशी-नुंग्शी ने भी प्रधानमंत्री मोदी से बात की। ताशी ने कहा कि हम पैदा नहीं हुए थे सोच कर कि पर्वतारोही बनेंगे। हम पूरी दुनिया की लड़कियों को बताना चाहते हैं कि हम अपना पहाड़ चढ़ सकते हैं तो आप भी अपना पहाड़ चढ़ सकते हैं। हम चाहेंगे कि नारी शक्ति पुरस्कार जो हमें मिला है, यह और भी लड़कियों को प्रेरित करे।


‘नारी शक्ति पुरस्कार’ से सम्मानित 98 वर्षीय कार्तियानी अम्मा ने पीएम मोदी से बातचीत की और बताया कि उन्होंने कक्षा 4 की परीक्षा 98 प्रतिशत से पास की है और आगे भी पढ़ना चाहती हैं।

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