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ISIS Jharkhand Module: झारखंड में आईएसआईएस के प्यादे फैजान और उमर के बारे में बड़ा खुलासा, इंस्टाग्राम और टेलीग्राम से युवाओं को था जोड़ा; खिलाफत की स्थापना की ली थी कसम

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रांची। आपने बीते दिनों खबर पढ़ी होगी कि पुणे के आईएसआईएस मॉड्यूल ने एक गांव में तमाम लोगों को आतंकी विचारधारा से जोड़ लिया और इस गांव को आईएसआईएस का गढ़ बना दिया था। अब आईएसआईएस के झारखंड मॉड्यूल के बारे में भी जांच एजेंसी एनआईए ने अपनी चार्जशीट में सनसनीखेज खुलासा किया है। एनआईए की चार्जशीट बताती है कि लोहारदगा के आरोपी फैजान अंसारी उर्फ फैज और रतलाम से गिरफ्तार उमर उर्फ राहुल सेन ने झारखंड में युवाओं को आईएसआईएस की आतंकी विचारधारा से जोड़ने के लिए बड़े पैमाने पर साजिश रची।

एनआईए ने कोर्ट में जो चार्जशीट पेश की है, उसमें बताया गया है कि फैजान और उमर ने युवाओं को आतंकी संगठन आईएसआईएस से जोड़ने के लिए इंस्टाग्राम और टेलीग्राम का सहारा लिया था। दोनों सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर समूह बनाकर युवाओं को आईएसआईएस से जोड़ने की कोशिश ये आरोपी कर रहे थे। फैजान को 20 जुलाई 2023 और उमर को सितंबर 2023 में गिरफ्तार किया गया था। फैजान एएमयू का छात्र था और उसने एनआईए की पूछताछ में बताया कि पढ़ाई के दौरान ही वो आईएसआईएस के संपर्क में आया। उसके कब्जे से कई आपत्तिजनक दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण में कैद सबूत मिले थे।

एनआईए की चार्जशीट के मुताबिक फैजान और उमर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से युवाओं को जोड़ा था और उनको आतंकी गतिविधियों के लिए प्रेरित कर रहे थे। आईएसआईएस के प्रति प्रतिबद्ध यानी आस्था रखने वालों को इंस्टाग्राम और टेलीग्राम में बने ग्रुप्स से जोड़ा गया था। दोनों का इरादा झारखंड में आईएसआईएस का प्रभाव बढ़ाना था। साथ ही आरोपी फैजान ने देश में खिलाफत यानी खलीफा पद की स्थापना के लिए शपथ भी ली थी। जिन लोगों को आरोपियों ने अपने साथ जोड़ा, उनमें आईएसआईएस की किताब ‘वॉयस ऑफ हिंद’ और ‘वॉयस ऑफ खुरासान’ को भी बांटने का काम आरोपियों ने किया था। एनआईए की चार्जशीट से साफ है कि पुणे मॉड्यूल के अलावा आईएसआईएस ने झारखंड मॉड्यूल को भी काफी हद तक बढ़ा लिया था। एनआईए को दोनों आरोपियों फैजान और उमर के विदेशी हैंडलर्स के बारे में भी पुख्ता सबूत मिले हैं। इस मामले में जांच एजेंसी और छानबीन कर रही है।

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