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ISRO Launches PSLV-C59 Rocket : इसरो ने लॉन्च किया PSLV-C59 रॉकेट, अब पता चल सकेगा सूर्य के कोरोना के गर्म होने का कारण

ISRO Launches PSLV-C59 Rocket : यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के प्रोबा-3 मिशन के तहत PSLV-C59 रॉकेट को श्रीहरिकोटा से सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया गया। इसके जरिए सूर्य के वायुमंडल के सबसे ऊपरी भाग जिसे कोरोना कहा जाता है, उसका अध्ययन किया जाएगा।

नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (इसरो) ने यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के प्रोबा-3 मिशन के तहत PSLV-C59 रॉकेट को श्रीहरिकोटा से सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया। जैसे ही PSLV-C59 रॉकेट पृथ्वी की कक्षा में पहुंचा इसरो के वैज्ञानिक खुशी से झूम उठे। इसके जरिए सूर्य के वायुमंडल के सबसे ऊपरी भाग जिसे कोरोना कहा जाता है, उसका अध्ययन किया जाएगा। इसमें दो सैटेलाइट्स हैं, जिनके जरिए मौसम और सूर्य के विषय में जानकारी मिलेगी। इस मिशन के जरिए वैज्ञानिक यह पता लगा पाएंगे कि सूर्य के कोरोना का तापमान उसकी सतह से इतना ज्यादा क्यों है।

<blockquote class=”twitter-tweet”><p lang=”en” dir=”ltr”>VIDEO | ISRO&#39;s PSLV-C59 rocket carrying European Space Agency&#39;s Proba-3 mission launched from Satish Dhawan Space Centre in Sriharikota. (n/1) <a href=”https://t.co/1Ww6PG5JUI”>pic.twitter.com/1Ww6PG5JUI</a></p>&mdash; Press Trust of India (@PTI_News) <a href=”https://twitter.com/PTI_News/status/1864620156871430153?ref_src=twsrc%5Etfw”>December 5, 2024</a></blockquote> <script async src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” charset=”utf-8″></script>

इस मिशन के जरिए सोलर तूफान और सोलर हवाओं के बारे में भी जानने प्राप्त करने के प्रयास किए जाएंगे। यह लॉन्चिंग PROBA-3 मिशन के तहत की जा रही है, इसको लॉन्च करने का काम इसरो को सौंपा गया है। यूरोपीय स्पेस एजेंसी ने PROBA-3 मिशन के लिए स्पेन, बेल्जियम, इटली, स्विट्जरलैंड और पोलैंड के वैज्ञानिकों की टीम ने मिलकर काम किया है। PSLV-C59 रॉकेट में खास तरह के 3 उपकरण ASPIICS , DARA और 3DEES भी लगाए गए हैं। PROBA-3 मिशन की अनुमानित लागत लगभग 200 मिलियन यूरो है और यह मिशन दो साल तक चलेगा।

Proba-3 को यूरोपियन स्पेस एजेंसी का डिमॉन्स्ट्रेशन मिशन भी कहा जा रहा है। यूरोपियन स्पेस एजेंसी के लिए यह बहुत ही खास मिशन है इसीलिए इसकी लॉन्चिंग की जिम्मेदारी इसरो को सौंपी गई है। वैज्ञानिकों के मुताबिक सूर्य के कोरोना का ट्रेम्प्रेचर लगभग 2 मिलियन डिग्री फॉरेनहाइट तक पहुंच जाता है इस कारण से तापमान अत्यधिक होने के चलते इसके विषय में जानकारी जुटाना संभव नहीं हो पाता है। अब PSLV-C59 की सफल लॉन्चिंग के बाद अब वैज्ञानिकों को सूर्य से जुड़े और भी बहुत से अहम राज पता चल सकेंगे तथा आने वाले दिनों में दुनिया के सामने नई नई तरह की कई जानकारियां सामने आएंगी।

 

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