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Aditya L-1 Mission: आदित्य L-1 मिशन के साथ इसरो फिर रचेगा इतिहास ! जानिए सूर्य की तरफ बढ़ते समय इसकी टाइमिंग भी क्यों होगी खास?

नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने 2 सितंबर, 2023 को सुबह 11:50 बजे श्रीहरिकोटा प्रक्षेपण स्थल से सूर्य की ओर आदित्य एल-1 मिशन लॉन्च करने की अपनी योजना की घोषणा की है। यह मिशन सूर्य की गतिविधियों में बड़ी रिसर्च के लिहाज से महत्वपूर्ण है। एक बार फिर इसरो इस उल्लेखनीय प्रयास के साथ इतिहास बनाने के लिए तैयार है। उम्मीद है कि आदित्य एल-1 मिशन सूर्य के बारे में अच्छा-खासा ज्ञान प्रदान करेगा। सूर्य की ओर एक अंतरिक्ष यान भेजकर, वैज्ञानिकों को सौर घटनाओं, सौर हवा और हमारे निकटतम तारे के अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में मूल्यवान डेटा प्राप्त करने की उम्मीद है।

मिशन का लक्ष्य लैग्रेंज प्वाइंट 1 (एल1) तक पहुंचना है, जो पृथ्वी से लगभग 1.5 मिलियन किलोमीटर दूर है। इसरो के भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान की निदेशक अन्नपूर्णी सुब्रमण्यम ने उल्लेख किया है कि इस सुदूर बिंदु तक पहुंचने में लगभग 100-120 दिन लगेंगे। इसरो के अध्यक्ष एस.सोमनाथ ने इस महत्वाकांक्षी मिशन के संबंध में एनएनआईए समाचार एजेंसी के साथ और जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि आदित्य एल-1 को लैग्रेंज पॉइंट 1 की ओर निर्देशित किया जाएगा और यात्रा लगभग 120 दिनों की होगी। इसे परिप्रेक्ष्य में रखने के लिए, पृथ्वी और सूर्य के बीच की दूरी आश्चर्यजनक रूप से 150 मिलियन किलोमीटर है, जिसके बीच में लैग्रेंज प्वाइंट 1 स्थित है।

इस मिशन की टाइमिंग आकाशीय पिंडों के अनूठे तरीके से एक ही लाइन में होने के कारण विशेष महत्व रखता है जो सूर्य की ओर एक इष्टतम प्रक्षेपवक्र की अनुमति देता है। पृथ्वी और सूर्य के बीच स्थित लैग्रेंज पॉइंट 1, सौर गतिविधियों और घटनाओं के अध्ययन के लिए एक आदर्श सुविधाजनक बिंदु प्रदान करता है। यह मिशन सूर्य के व्यवहार के बारे में हमारी समझ में क्रांतिकारी बदलाव लाने के लिए बेहद आवश्यक है, जिसका अंतरिक्ष मौसम, जलवायु और हमारे तकनीकी बुनियादी ढांचे पर दूरगामी प्रभाव पड़ता है।

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