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Jagan Mohan Reddy On Tirupati Prasadam Controversy : जगन मोहन रेड्डी ने तिरुपति मंदिर प्रसादम विवाद पर तोड़ी चुप्पी, सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला

नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने तिरुपति मंदिर के प्रसाद को लेकर खुद पर लगे आरोपों पर चुप्पी तोड़ी हुए सीएम चंद्र बाबू नायडू पर निशाना साधा है। दूसरी तरफ, यह मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। वाईएसआर कांग्रेस के प्रमुख जगन मोहन रेड्डी ने कहा कि मैं खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ को इस संबंध में पत्र लिख रहा हूं। रेड्डी ने कहा कि इस पत्र से माध्यम से मैं पीएम और सीजेआई को यह बताऊंगा कि आंध्र प्रदेश के मौजूदा सीएम चंद्रबाबू नायडू ने किस तरह से तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया। रेड्डी ने यह भी कहा कि ऐसा करने के लिए नायडू के खिलाफ कार्रवाई क्यों की जानी चाहिए, इसका जिक्र भी मैं अपने पत्र में करूंगा।

<blockquote class=”twitter-tweet”><p lang=”en” dir=”ltr”><a href=”https://twitter.com/hashtag/WATCH?src=hash&amp;ref_src=twsrc%5Etfw”>#WATCH</a> | Tirupati Laddu Prasadam row | Amaravati: YSRCP chief and former Andhra Pradesh CM, YS Jagan Mohan Reddy says, &quot;…Ultimately, at the end of the day, I myself am writing a letter to the Prime Minister. I am also writing a letter to the Chief Justice of India. I am… <a href=”https://t.co/9Ol011Udpu”>pic.twitter.com/9Ol011Udpu</a></p>&mdash; ANI (@ANI) <a href=”https://twitter.com/ANI/status/1837101435965821198?ref_src=twsrc%5Etfw”>September 20, 2024</a></blockquote> <script async src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” charset=”utf-8″></script>

आपको बता दें कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्र बाबू नायडू ने सनसनीखेज खुलासा करते हुए कहा था कि जब प्रदेश में जगन मोहन रेड्डी की सरकार थी तो उस समय तिरुपति बाला जी मंदिर में प्रसाद के लिए जो लड्डू बनाया जा रहा था उसमें घी की जगह जानवरों की चर्बी से बनाए गए वसा का इस्तेमाल किया गया। चंद्र बाबू नायडू के आरोपों के बाद नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड की जांच रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि हो गई कि प्रसाद के लड्डूओं को बनाने में गाय की चर्बी, मछली के तेल और अन्य कई आपत्तिजनक पदार्थों का इस्तेमाल हुआ है।

उधर, वकील सत्यम सिंह की ओर से शीर्ष अदालत में इस मामले के संबंध में एक याचिका दायर की गई है। अपनी याचिका में सत्यम सिंह ने सर्वोच्च अदालत से इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की है। सिंह ने याचिका में तर्क दिया है कि यह भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 का उल्लंघन है। अनुच्छेद 25 धार्मिक रीति-रिवाजों का पालन करने और धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार की गांरटी देता है।

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