नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर भी 26 फीसदी रेसिप्रोकल टैरिफ लगाया है। भारत पर ये रेसिप्रोकल टैरिफ 9 अप्रैल 2025 की आधी रात से लगेगा। इससे अमेरिका में भारतीय सामान महंगे होंगे और कारोबारियों को नुकसान की आशंका है। ऐसे में टैरिफ लागू होने से ठीक पहले विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रूबियो को फोन कर बातचीत की। जयशंकर और रूबियों ने भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते के बारे में भी बातचीत की। इसके अलावा भारत और अमेरिका के विदेश मंत्रियों के बीच इंडो-पैसिफिक इलाके की स्थिति पर भी चर्चा हुई।
विदेश मंत्री जयशंकर ने एक्स पर सोशल मीडिया पोस्ट कर बताया है कि मार्को रूबियो से बातचीत में उन्होंने और अमेरिका के विदेश मंत्री ने द्विपक्षीय व्यापार समझौते को जल्द पूरा करने की जरूरत पर चर्चा की। भारत और अमेरिका के विदेश मंत्रियों के बीच बातचीत में सहमति बनी कि व्यापार समझौते को जल्दी ही अंतिम रूप दिया जाना चाहिए। जयशंकर ने बताया है कि उम्मीद है कि भारत और अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौते की दिशा में जल्दी आगे बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि वो अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रूबियो से संपर्क में बने रहेंगे। मार्को रूबियो और जयशंकर ने संबंधों को मजबूत करने के लिए अलग-अलग क्षेत्रो में सहयोग और समन्वय पर भी जोर दिया।
रेसिप्रोकल टैरिफ की बात करें, तो ट्रंप का कहना है कि भारत अपने यहां अमेरिका से आयात होने वाले सामान पर औसत 52 फीसदी टैरिफ लेता है। वहीं, ट्रंप की तरफ से टैरिफ लगाने की बात कहे जाने के बाद ही भारत के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल अमेरिका जाकर वहां के वाणिज्य विभाग के अफसरों से मिले थे। बीते दिनों ही अमेरिका के प्रतिनिधिमंडल के साथ दिल्ली में बातचीत हुई है। भारत और अमेरिका ने टैरिफ का मुद्दा सुलझाने के लिए बातचीत के वास्ते अपने प्रतिनिधियों की नियुक्ति भी की है। वहीं, अमेरिका के व्यापार प्रतिनिधि ब्रैंडन लिंच भी भारत का दौरा कर चुके हैं। भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते की शर्तें तय करने के लिए बातचीत हो रही है। साथ ही वाणिज्य मंत्रालय दूसरे देशों में भारत की चीजों के लिए नए बाजार भी तलाश रहा है।