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अनलॉक-1 के बाद से हर दिन जल जीवन मिशन के तहत एक लाख घरों तक पहुंचाया जा रहा नल कनेक्शन

नई दिल्ली। जल जीवन मिशन अगस्त 2019 में शुरू किया गया था और 2019-20 के 7 महीनों में, लगभग 84.83 लाख ग्रामीण परिवारों को नल के जरिए जल प्रदान किए गए। इसके अलावा, CoVID-19 महामारी के बीच, अनलॉक -1 के बाद से, वर्ष 2020-21 में अब तक लगभग 45 लाख नल कनेक्शन प्रदान किए गए हैं। इस प्रकार प्रतिदिन लगभग 1 लाख घरों में जल जीवन मिशन के तहत नल कनेक्शन दिए जा रहे हैं, जो इस काम में आई ‘तेजी’ को दर्शाता है। इस योजना में किसी तरह की गड़बड़ी ना हो और साथ ही पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सभी आवंटित किए जा रहे कनेक्शन को ‘घर के प्रमुख’ के ‘आधार’ के साथ जोड़ा जा रहा है।

जिला स्तर तक मिशन की प्रगति को दर्शाने वाला एक डैशबोर्ड बनाया गया है और यह मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध है। जिसके जरिए पूरी तरह से इस मिशन की निगरानी की जा रही है।

जल जीवन मिशन के अस्तित्व में आने के बाद राज्यों से अनुरोध किया गया था कि वे आधारभूत डेटा के पुनर्मूल्यांकन का अभ्यास करें। जिसके अनुसार देश में 19.04 करोड़ ग्रामीण परिवार हैं। जिनमें से 3.23 करोड़ परिवारों को पहले ही नल कनेक्शन प्रदान किए जा चुके हैं। शेष 15.81 करोड़ घरों में नल कनेक्शन दिए जाने हैं। इस प्रकार इन डेटा पर ध्यान केंद्रित कर ही लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।

पहले से ही उपलब्ध कनेक्शनों की कार्यक्षमता सुनिश्चित करते हुए समयबद्ध तरीके से 16 करोड़ वंचित परिवारों को जल्द से जल्द इस योजना से जोड़े जाने का लक्ष्य है। इसका मतलब है कि हर साल 3.2 करोड़ परिवारों को कवर किया जाएगा यानी लगभग दैनिक आधार पर प्रदान किए जाने वाले 88,000 नल कनेक्शन का लक्ष्य है। इस लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए, राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश हर ग्रामीण परिवार को नल कनेक्शन प्रदान करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। इस प्रयास में बिहार, तेलंगाना, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश जैसे राज्य उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं।

बता दें कि 2020-21 में जल जीवन मिशन के तहत 23,500 करोड़ रुपये की राशि का आवंटन किया गए है। वर्तमान में 8,000 करोड़ रुपये की केंद्रीय निधि मिशन के कार्यान्वयन के लिए राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के लिए उपलब्ध है। इसके साथ ही गांवों तक सुचारू रूप से नल का जल पहुंचाने, गांवों में पेयजल आपूर्ति प्रणालियों की बेहतर योजना, कार्यान्वयन, प्रबंधन, संचालन और रखरखाव में मदद मिलेगी ताकि लोगों को नियमित और लंबे समय तक पीने योग्य पानी मिलता रहे।

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