नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर अब काफी शांत है। इससे पहले जून 2024 से काफी वक्त तक जम्मू-कश्मीर में आतंकी घटनाएं हो रही थीं। आतंकियों ने जम्मू में भी हमले करने शुरू किए थे। जम्मू क्षेत्र में आतंकियों ने पिछले साल तीर्थयात्रियों की बस, सेना के कैंप और दूसरे राज्यों के लोगों को निशाना बनाया था। आतंकियों के हमले में कई आम लोग मारे गए थे। सेना के अफसर और 11 अन्य जवान भी आतंकियों के हमलों में शहीद हुए थे। जिसके बाद सेना और अर्धसैनिक बलों ने जम्मू और कश्मीर इलाकों में बड़े पैमाने पर ऑपरेशन शुरू कर तमाम आतंकियों को मार गिराया था। अब ये जानकारी आई है कि जम्मू-कश्मीर में अब भी 5 दर्जन आतंकी सक्रिय हैं।
सूत्रों के हवाले से न्यूज चैनल आजतक ने ये खबर दी है। न्यूज चैनल को सूत्रों ने बताया है कि खुफिया जानकारी के मुताबिक जम्मू-कश्मीर में हिज्बुल मुजाहिदीन, लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के 60 आतंकी सक्रिय हैं। इन आतंकियों की मौजूदगी की खुफिया जानकारी मिलने के बाद सेना और सुरक्षाबल चौकस हैं। माना जा है कि जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकियों का पूरी तरह सफाया करने के लिए सेना और सुरक्षाबल एक बार फिर ऑल आउट ऑपरेशन चला सकते हैं। जम्मू-कश्मीर में दहशतगर्दी फैलाने वाले हिज्बुल मुजाहिदीन, लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद स्थानीय के अलावा पाकिस्तानी आतंकियों की भी मदद लेते हैं। वहीं, इन आतंकियों की मदद के लिए तीनों आतंकी संगठन जम्मू-कश्मीर के कुछ लोगों को ओवरग्राउंड वर्कर के तौर पर नियुक्त करते हैं।
जम्मू-कश्मीर में सेना और सुरक्षाबलों ने पहले कई बार पुलिस की मदद से आतंकी संगठनों के ओवरग्राउंड वर्कर गिरफ्तार किए हैं। आतंकी संगठनों के ओवरग्राउंड वर्कर दहशतगर्दों के लिए रेकी, हथियार और पैसों की सप्लाई का काम करते हैं। जब भी ऐसे ओवरग्राउंड वर्कर गिरफ्तार होते हैं, तब उनके पास से नकदी और हथियार बरामद होते ही हैं। वहीं, अगर देखा जाए तो जम्मू-कश्मीर के आम लोग कभी भी आतंकी संगठनों के साथ खड़े नहीं रहे। अनुच्छेद 370 को रद्द किए जाने के बाद से कश्मीर घाटी में उन जगहों पर भी माहौल बदला है, जिनको आतंकियों ने गढ़ बना रखा था।