नई दिल्ली। बीते कुछ दिनों से देश में नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह को लेकर जमकर सियासत हो रही है। कांग्रेस समेत 21 दलों ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने का बहिष्कार किया है। विपक्ष दल लगातार मांग कर रहे है कि नई संसद भवन की इमारत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बजाय राष्ट्रपति मुर्मू के हाथों की जाए। लेकिन बसपा, शिरोमणि अकाली दल, आरपीआई समेत कई विपक्षी मोदी सरकार के साथ खड़े नजर आए है। इसी बीच नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने बड़ा बयान दिया है। ललन सिंह ने कहा कि सरकार बदलेगी तो नए संसद भवन का इस्तेमाल दूसरे कामों के लिए किया जाएगा।
दरअसल मीडिया वालों ने जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह ने नई संसद भवन के बहिष्कार को लेकर प्रश्न किया। जिस पर उन्होंने कहा कि संसद भवन के उद्घाटन समारोह में हम लोग नहीं जाएंगे। इसलिए इतिहास बदलने का प्रयास हो रहा है। इतिहास बदलने में हम भागीदार नहीं होंगे। नया संसद भवन बना ही था तो राष्ट्रपति को बुलाना चाहिए था। आगे ललन सिंह ने कहा, सरकार अगर बदलेगी तो नए संसद भवन में कोई दूसरा काम होगा। लिहाजा अब जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह के इस बयान के बाद आगे और विवाद बढ़ना तय है। ऐसे में सवाल ये भी उठ रहा है कि विपक्ष दल नई संसद को देश की संसद भी नहीं मानने वाली है? क्या ललन सिंह के बयान से बहिष्कार करने वाले दूसरे दल भी सहमत है?
नई संसद के विरोध की राजनीति में बड़ी ख़बर
नीतीश की पार्टी के अध्यक्ष ललन सिंह ने दिया बयान-सरकार बदलेगी तो नई संसद में दूसरे काम होंगे#NewParliament #SengolAtNewParliament #Sengol #PMModi #Khabardar @SwetaSinghAT pic.twitter.com/hfTrUSLNBt— AajTak (@aajtak) May 25, 2023
नई संसद को लेकर मायावती का सरकार को समर्थन
उधर नई संसद के उद्घाटन समारोह का बसपा प्रमुख और यूपी की पूर्व सीएम मायावती ने सरकार का समर्थन किया है। बसपा सुप्रीमो ने नई संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने वालों को गलत करार दिया है। मायावती ने कहा कि राष्ट्रपति के हाथों उद्घाटन करने की दलील देकर बहिष्कार करना अनुचित है। सरकार ने नई संसद को बनाया है इसलिए सरकार को उद्घाटन करने का अधिकार है। इसको आदिवासी महिला सम्मान से जोड़ना भी अनुचित। यह उन्हें निर्विरोध न चुनकर उनके विरुद्ध उम्मीदवार खड़ा करते वक्त सोचना चाहिए था
1. केन्द्र में पहले चाहे कांग्रेस पार्टी की सरकार रही हो या अब वर्तमान में बीजेपी की, बीएसपी ने देश व जनहित निहित मुद्दों पर हमेशा दलगत राजनीति से ऊपर उठकर उनका समर्थन किया है तथा 28 मई को संसद के नये भवन के उद्घाटन को भी पार्टी इसी संदर्भ में देखते हुए इसका स्वागत करती है।
— Mayawati (@Mayawati) May 25, 2023
3. देश को समर्पित होने वाले कार्यक्रम अर्थात नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का निमंत्रण मुझे प्राप्त हुआ है, जिसके लिए आभार और मेरी शुभकामनायें। किन्तु पार्टी की लगातार जारी समीक्षा बैठकों सम्बंधी अपनी पूर्व निर्धारित व्यस्तता के कारण मैं उस समारोह में शामिल नहीं हो पाऊंगी।
— Mayawati (@Mayawati) May 25, 2023