News Room Post

Nitish Vs Upendra: उपेंद्र कुशवाहा पर नीतीश के करीबी उमेश के बयान से जेडीयू में बढ़ी रार, पार्टी में टूट के बढ़ते दिख रहे आसार!

jdu umesh kushwaha nitish kumar and upendra kushwaha

पटना। बिहार में नीतीश कुमार बनाम जेडीयू संसदीय बोर्ड अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा की जंग जितनी तेज हो रही है, उतना ही जेडीयू में टूट की आशंका भी लगातार बढ़ रही है। इसके संकेत मंगलवार को मिले। एक तरफ उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश पर तमाम और आरोप लगाए। खुद को लॉलीपॉप देकर चुप कराने की बात कही। दूसरी तरफ जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा के उपेंद्र विरोधी बयान का पार्टी के ही कई नेताओं ने विरोध कर दिया। उमेश कुशवाहा को नीतीश कुमार का करीबी माना जाता है। ऐसे में पार्टी के नेताओं की तरफ से उमेश का जो विरोध हुआ, वो जेडीयू के लिए अच्छा संकेत नहीं माना जा सकता।

उपेंद्र कुशवाहा की फाइल फोटो।

उपेंद्र कुशवाहा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि वो अब भी जेडीयू में हैं, लेकिन उमेश कुशवाहा ने कह दिया कि उपेंद्र कुशवाहा तो पार्टी में हैं ही नहीं। उमेश ने कहा कि उपेंद्र विपक्षियों के साथ हैं और उनके जैसा ही व्यवहार कर रहे हैं। उमेश ने कहा कि उपेंद्र अब पार्टी में नहीं हैं। जो पार्टी में नहीं है, उसके बयान का भला क्या नोटिस लिया जाए। उमेश कुशवाहा ने कहा कि जो विरोधी हैं और विपक्ष में हैं, वे तो ऐसा बोलेंगे ही। उमेश के इस बयान के बाद ही ये साफ हो गया कि जेडीयू को भले नीतीश कुमार के नाम से पहचाना जाता हो, लेकिन पार्टी में उपेंद्र कुशवाहा का समर्थन करने वाले नेताओं की भी कमी नहीं है।

उमेश कुशवाहा के बयान का विरोध जेडीयू में ही हो गया। हिंदी अखबार ‘हिंदुस्तान’ की खबर के मुताबिक जेडीयू के नेता माधवानंद ने उमेश पर कार्रवाई की मांग कर दी है। माधवानंद ने कहा कि किसने उमेश कुशवाहा को अधिकार दिया कि वो जेडीयू संसदीय बोर्ड अध्यक्ष के बारे में टिप्पणी करें। उनमें ज्ञान और प्रोटोकॉल न जानने की कमी है। कुल मिलाकर नीतीश बनाम उपेंद्र कुशवाहा की जंग अब जुबानी से हटकर काफी आगे तक जाती दिख रही है। देखना ये है कि ये जंग थमती है या बिहार की सियासत एक बार फिर करवट लेती है।

Exit mobile version