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राहुल गांधी के बैकबेंचर वाले बयान पर सिंधिया का रिएक्शन, कहा- जितनी चिंता आज कर रहे हैं, अगर…

नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने भाजपा के राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) को लेकर बड़ा बयान दिया। दरअसल राहुल गांधी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया पर तंज कसते हुए कहा कि वे अगर कांग्रेस में होते तो मुख्यमंत्री बनते। लेकिन भाजपा में जाकर बैकबेंचर बनकर रह गए। इतना ही नहीं राहुल गांधी ने ये तक कह डाला कि उन्हें लौटकर कांग्रेस में आना होगा। सूत्रों के अनुसार, भारतीय युवा कांग्रेस की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने यह टिप्पणी की।

वहीं राहुल गांधी की इस टिप्पणी पर अब भाजपा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पलटवार किया है। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि राहुल गांधी आज उनकी जितनी चिंता कर रहे हैं, अगर पहले की होती तो आज स्थिति कुछ और होती।

राहुल के बयान पर नरोत्तम मिश्रा का पलटवार

राहुल गांधी के ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेकर दिए बयान पर मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पलटवार किया। नरोत्तम मिश्रा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि अगर वो ऐसा कर सकते हैं तो राजस्थान में एक प्रयोग करें और सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बना दें। जो लोग दो साल में कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं बना पाए वो मुख्यमंत्री बनाने की बातें कर रहे हैं।


सिंधिया पर राहुल का तंज, कहा-कांग्रेस में होते तो बन सकते थे CM

इससे पहले राहुल गांधी ने कटाक्ष करते हुए कहा कि आज भाजपा में ज्योतिरादित्य सिंधिया बैकबेंचर हैं। उन्होंने कहा, लिखकर ले लीजिए वो वहां कभी मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे। उन्हें वापस यहीं आना होगा।

राहुल ने यूथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं को आरएसएस की विचारधारा से लड़ने और किसी से भी नहीं डरने की नसीहत भी दी।

वहीं राहुल गांधी के इस बयान पर ट्विटर पर लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी। लोगों ने राहुल के बहाने गांधी परिवार को निशाने पर ले लिया। एक यूजर ने लिखा, चिन्ता ना करें सिंधिया भाजपा में भी समय आने पर मुख्यमंत्री बन सकते हैं । याद रखे यशवंत सिन्हा जो‌ कि चंद्रशेखर के साथ थे भाजपा में आने पर वित्तमंत्री बना दिये गये थे। यह सब को मालूम है कि जो भाजपा में शामिल हो जाता है वह भाजपा परिवार का हिस्सा बन जाता है। असम इसका उदाहरण है।

गौरतलब है  कि मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह से टकराव के बीच सिंधिया 11 मार्च 2020 को भाजपा में शामिल हो गए थे। साथ ही सिंधिया खेमे के 20 से अधिक विधायकों ने कांग्रेस का साथ छोड़ दिया था। जिसके बाद कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस की मध्य प्रदेश सरकार गिर गई थी।

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