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मजदूरों के पोहा खाने के स्टाइल से मैं समझ गया कि वे बांग्लादेशी हैं : कैलाश विजयवर्गीय

नई दिल्ली। देश में जहां एक तरफ नागरिकता संशोधन कानून के लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं तो वहीं वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय ने एक ऐसा बयान दिया जो अजीबोगरीब है। उन्होंने कहा कि ‘मेरे घर में काम कर रहे मजदूरों के पोहा खाने के स्टाइल से मैं समझ गया कि वह बांग्लादेशी हैं।’

गुरुवार को इंदौर शहर में एक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, ‘जब हाल में ही मेरे घर में एक कमरे के निर्माण का काम चल रहा था तो कुछ मजदूरों के खाना खाने का स्टाइल मुझे अजीब लगा। वे केवल पोहा खा रहे थे। मैंने उनके सुपरवाइजर से बात की और शक जाहिर किया कि क्या ये बांग्लादेशी हैं। इसके दो दिन बाद सभी मजदूर काम पर आए ही नहीं।’

बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि इस मामले में मैंने अभी तक पुलिस शिकायत नहीं दर्ज कराई है। मैं केवल इस घटना का जिक्र करते आप लोगों को आगाह करना चाहता हूं। यह सब देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा है। मैं जब बाहर जाता हूं तो मेरे साथ 6 सुरक्षाकर्मी चलते हैं, क्योंकि घुसपैठिए देश का माहौल बिगाड़ रहे हैं।’

CAA को लेकर कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि, ‘अफवाहों से गुमराह मत हो, सीएए में देश का हित है। यह कानून वास्तविक शरणार्थियों को नागरिकता देगा और घुसपैठियों की पहचान होगी, जो देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा हैं।’ आपको बता दें कि इसके पहले पीएम मोदी ने भी सीएए को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों को ‘कपड़ों से पहचानने’ वाला बयान दिया था।

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