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Gujarat: ‘गुजरात मॉडल’ के मुरीद हुए केरल के मुख्य सचिव, तारीफ में कही ये बात…

Kerala Chief Secretary VP Joy

नई दिल्ली। इन दिनों केरल की वामपंथी सरकार अब भाजपा के नक्शे कदम चलाने पर चलते दिख रही है। केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन अब गुजरात मॉडल को अपनाने की कोशिश में लगे हुए है। जिसको लेकर केरल की सियासत में घमासान भी देखने को मिल रहा है। हैरान करने वाली बात ये है कि मुख्यमंत्री पिनराई विजयन जो हमेशा केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ लगातार हमला बोलती रहती है, लेकिन अचानक आखिर ऐसा क्या हुआ है कि केरल सरकार को भाजपा शासित गुजरात मॉडल की मुरीद हो गई और इतना ही नहीं केरल की वामपंथी सरकार गुजरात मॉडल के नाम तारीफों के कसीदे भी पढ़ रही हैं। आइए, आपको बताते है कि पूरा मामला क्या है। दरअसल, केरल की  विजयन सरकार ने मुख्य सचिव समेत दो सदस्यीय दल को गुड गवर्नेंस में सहयोग देने वाली ‘डैशबोर्ड’ सिस्टम के अध्ययन के लिए गुजरात भेजा है, जिसे गुजरात की भाजपा सरकार ने लागू किया है।

इसी क्रम में गुरुवार को केरल के मुख्य सचिव वीपी जॉय ने गुजरात शासन मॉडल का अध्ययन करने के लिए गांधीनगर का निरीक्षण किया। इस दौरान मीडिया से बात करते हुए गुजरात के डैशबोर्ड मॉनिटरिंग सिस्टम की प्रशंसा की। मुख्य सचिव वीपी जॉय ने कहा, “हमने अभी-अभी डैशबोर्ड मॉनिटरिंग सिस्टम देखा है। यह सेवाओं के वितरण की निगरानी, नागरिकों की प्रतिक्रिया और अन्य एकत्र करने के लिए एक अच्छी और व्यापक प्रणाली है।” उधर, विजयन सरकार के इस फैसले के बाद विपक्षी खेमों को मिर्ची लग गई है और विजयन सरकार के इस फैसले की आलोचना भी कर रही है। इसके साथ  कांग्रेस समेत विपक्ष दलों को ये लगने लगा है कि क्या माकपा-भाजपा के बीच सांठगांठ हो गई है?

गुजरात के डैशबोर्ड सिस्टम के बारे में आपको बताते चले, तो यह डैशबोर्ड सिस्टम प्रदेश में चलने वाली सभी विकास परियोजनाओं की जानकारी रिएल टाइम में एक डैशबोर्ड पर मौजूद कराती है। मतलब अगर किसी भी परियोजना के बारे में सूबे के मुख्यमंत्री या किसी अधिकारी को जानना हो तो वह तुरंत पता कर लेता है कि कहां क्या हो रहा है।

आपको बता दें कि कुछ दिनों पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की मुलाकात हुई थी, जिसमें दोनों के बीच गुजरात मॉडल को लेकर चर्चा हुई थी। मुलाकात के उपरांत मुख्यमंत्री विजयन ने मुख्य सचिव को निर्देश दिया था कि वे गुजरात जाकर मॉडल का अध्ययन करें और साथ ही साथ उस सिस्टम का भी अध्यन करें जिसके तहत आम जनमानस की समस्याओं को सुनकर उनका निराकरण किया जाता है।

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