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CPM Vs Governor: केरल में गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान और सत्तारूढ़ सीपीएम में ठनी, वजह बने ये 9 लोग

arif mohammad khan

तिरुवनंतपुरम। केरल के गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान और राज्य में सत्तारूढ़ सीपीएम के बीच तनातनी और बढ़ती दिख रही है। आरिफ मोहम्मद ने पहले मंत्री को नसीहत देते हुए कहा था कि वो ये न भूलें कि मैंने उनको नियुक्त किया है। अब गवर्नर ने केरल की 9 यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर को पद छोड़ने के लिए कहा है। इस पर सीपीएम की तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है। इन सभी वाइस चांसलर को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग UGC के नियमों के खिलाफ नियुक्त किया गया था। केरल राजभवन के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के 21 अक्टूबर के फैसले के बाद सभी 9 वाइस चांसलर को सोमवार तक इस्तीफा देने के निर्देश दिए गए हैं।

गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान ने जिन वाइस चांसलर पर गाज गिराई है, वे यूनिवर्सिटी ऑफ केरल, महात्मा गांधी यूनिवर्सिटी, कोचीन यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, केरल यूनिवर्सिटी ऑफ फिशरीज एंड ओशियन स्टडीज, कन्नूर यूनिवर्सिटी, एपीजे अब्दुल कलाम टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी, श्री शंकराचार्य यूनिवर्सिटी ऑफ संस्कृत और थुनचट इजुथाचन मलयालम यूनिवर्सिटी के हैं। सुप्रीम कोर्ट का फैसला एपीजे अब्दुल कलाम टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर की नियुक्ति पर आया था, लेकिन गवर्नर के मुताबिक बाकी 8 यूनिवर्सिटी में भी नियमों को किनारे कर वाइस चांसलर की नियुक्ति की गई।

गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान के इस आदेश पर सत्तारूढ़ सीपीएम ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी ने इसे संघ परिवार की साजिश बताया है। सीपीएम के मुताबिक संघ देश की शिक्षा प्रणाली का कथित तौर पर भगवाकरण के एजेंडे पर काम कर रहा है। ताकि वो राज्य की प्रतिरोधक ताकत को ध्वस्त कर सके। सीपीएम की केरल यूनिट ने आरोप लगाया है कि वाइस चांसलरों को हटाने का आदेश लोकतंत्र की सभी सीमाओं का उल्लंघन करता है। उसने इसे केंद्र सरकार की चाल भी बताया है। इसके खिलाफ सीपीएम पूरे केरल में बड़ा प्रदर्शन भी करेगी। वहीं, कन्नूर यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर ने भी कहा है कि वो सोमवार को अपना इस्तीफा नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि वो देखना चाहेंगे कि गवर्नर क्या कार्रवाई करते हैं।

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