नई दिल्ली। प्रत्येक वर्ष सितंबर महीने की 5 तारीख को देश भर में शिक्षक दिवस मनाया जाता है। इस दिन लोग अपने शिक्षकों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए उन्हें उपहार देते हैं। शिक्षक दिवस मुख्य रुप से देश के दूसरे राष्ट्रपति और एक महान शिक्षक डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। राधाकृष्णन एक शानदार राजनीतिज्ञ होने के साथ दर्शनशास्त्र के भी बड़े विद्वान थे। उन्होंने भारतीय संस्कृति, परंपरा और दर्शनशास्त्र का अध्ययन गहराई से किया था। उन्होंने देश को अपने महान विचारों के खजाने से समृद्ध किया है, जिसका लाभ सभी को उठाना चाहिए। तो उनके जन्मदिन और शिक्षक दिवस के मौके पर आइए आपको उनके कुछ विचारों से रूबरू कराते हैं।
1.शिक्षक वह नहीं, जो छात्र के दिमाग में तथ्यों को जबरन ठूंसे, बल्कि उन्हें चुनौतियों के लिए तैयार करें।
2.भगवान की पूजा नहीं होती, बल्कि उन लोगों की पूजा होती है, जो उनके नाम पर बोलने का दावा करते हैं।
3.शिक्षा के द्वारा ही मानव मस्तिष्क का सदुपयोग किया जा सकता है।
4.शिक्षा का परिणाम एक मुक्त रचनात्मक व्यक्ति होना चाहिए, जो कठिन परिस्थितियों के विरुद्ध लड़ सके।
5.किताबें पढ़ने से हमें एकांत में विचार करने की आदत और सच्ची खुशी मिलती है।
6.ज्ञान हमें शक्ति देता है,और प्रेम हमें परिपूर्णता देता है।
7.जीवन का सबसे बड़ा उपहार एक उच्च जीवन का सपना है।
8.धन, शक्ति और दक्षता केवल जीवन के साधन हैं, खुद जीवन नहीं।
9.कला मानवीय आत्मा की गहरी परतों को उजागर करती है।
10.हर्ष और आनंद से परिपूर्ण जीवन केवल ज्ञान और विज्ञान के आधार पर संभव है।