गाजीपुर। माफिया डॉन मुख्तार अंसारी ने पहले कोर्ट में पेशी के दौरान आरोप लगाया था कि उसे धीमा जहर दिया जा रहा है। अब मुख्तार अंसारी की मौत के बाद उसका परिवार भी यही आरोप लगा रहा है कि बांदा जेल में माफिया डॉन को जहर दिया गया और इसकी वजह से ही उसकी जान गई। मुख्तार अंसारी को इसी वजह से परिवार ने खास तरीके से कब्रिस्तान में दफनाया है। इसकी जानकारी मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी ने मीडिया को दी। अफजाल अंसारी ने बताया कि मुख्तार के शव को ऐसे खास तरीके से दफनाया गया है कि उसके शव के हिस्सों मसलन बाल और नाखून वगैरा की जांच 20 साल बाद भी हो सकेगी।
इस दावे के बीच खबर है कि मुख्तार अंसारी के विसरा को जांच के लिए लखनऊ के फोरेंसिक लैब भेजा गया है। अगर मुख्तार अंसारी को जहर दिया गया होगा, तो उसका पता विसरा की जांच में चल सकता है। हालांकि, पोस्टमॉर्टम के दौरान डॉक्टरों ने पाया था कि मुख्तार के पेट में भोजन नहीं था। उसकी आंतें फूली हुई थीं और दिल में एक जगह पीला धब्बा आ गया था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में डॉक्टरों ने प्रारंभिक तौर पर बताया है कि मुख्तार अंसारी की मौत हार्ट अटैक के कारण हुई। अब विसरा की जांच के बाद ही उसके लगाए जहर वाले आरोपों की सच्चाई सामने आ सकेगी।
मुख्तार अंसारी ने जब जहर दिए जाने की आशंका कोर्ट से जताई थी, उसके कुछ दिन बाद ही उसकी तबीयत बिगड़ गई थी। मुख्तार को तब बांदा मेडिकल कॉलेज के आईसीयू में दाखिल कराया गया था। 48 घंटे बाद तबीयत ठीक होने पर मुख्तार अंसारी को बांदा जेल वापस भेजा गया था। फिर अचानक बीते गुरुवार को मुख्तार अंसारी की तबीयत फिर बिगड़ी। उसे उल्टी हुई और बेहोशी छा गई। हालत गंभीर देखकर मुख्तार अंसारी को फिर मेडिकल कॉलेज भेजा गया। वहां 9 डॉक्टरों की टीम ने इलाज किया, लेकिन मुख्तार की जान नहीं बच सकी। मुख्तार अंसारी वैसे पेट की बीमारी से लंबे समय से परेशान था। वो खुद को देखने आने वाले डॉक्टरों से कहता भी रहता था कि पेट की बीमारी उसकी जान ले लेगी। मुख्तार अंसारी को शुगर भी था। इसके अलावा पहले भी एक बार हार्ट अटैक हो चुका था।