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Bhojshala Row: भोजशाला के एएसआई सर्वे में अब निकली ये चीजें, अब तक मिल चुके हैं 1800 अवशेष और मूर्तियां

Bhojshala Row: भोजशाला पर हिंदू और मुस्लिम दोनों ही हक जताते रहे हैं। हिंदू पक्ष का कहना है कि राजा भोज ने यहां माता सरस्वती का मंदिर बनाया था। हिंदू पक्ष के अनुसार यहां जो माता सरस्वती की मूर्ति थी, वो अब लंदन के म्यूजियम में है। वहीं, मुस्लिम पक्ष इसे कमाल मौला मस्जिद बताता है।

धार। मध्यप्रदेश के धार स्थित भोजशाला का एएसआई सर्वे जारी है। इस सर्वे के 89वें दिन मंगलवार को एएसआई ने पत्थरों के 5 और अवशेष हासिल किए। इनको पुराने खंबों और दीवार का हिस्सा बताया जा रहा है। हालांकि, अभी सफाई के बाद ही पता चल सकेगा कि पत्थर के ये अवशेष किन जगह इस्तेमाल किए गए थे। अब तक भोजशाला में 1800 अवशेष मिल चुके हैं।

भोजशाला का एएसआई सर्वे का आदेश मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने दिया था। इसके बाद इस साल 22 मार्च से ही यहां का सर्वे एएसआई कर रही है। एएसआई को सर्वे के लिए मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने 27 जून तक का वक्त दिया है। भोजशाला मामले में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के इंदौर बेंच में 4 जुलाई को अगली सुनवाई है। इसी दिन एएसआई को कोर्ट में अपनी रिपोर्ट भी पेश करनी है। अगर भोजशाला में एएसआई सर्वे की बात करें, तो यहां मिले अवशेषों में 550 बड़े हैं। इनके अलावा भोजशाला में 30 खंडित मूर्तियां भी मिली हैं। एएसआई ने भोजशाला में कई जगह खोदाई भी की और इसके अलावा ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार से भी सर्वे का काम किया जा रहा है। ताकि जमीन के नीचे की वस्तुओं का पता चल सके।

भोजशाला पर हिंदू और मुस्लिम दोनों ही हक जताते रहे हैं। हिंदू पक्ष का कहना है कि राजा भोज ने यहां माता सरस्वती का मंदिर बनाया था। हिंदू पक्ष के अनुसार यहां जो माता सरस्वती की मूर्ति थी, वो अब लंदन के म्यूजियम में है। वहीं, मुस्लिम पक्ष इसे कमाल मौला मस्जिद बताता है। भोजशाला को लेकर हिंदू और मुस्लिम पक्ष में विवाद के कारण दोनों को ही यहां पूजा और इबादत करने की मंजूरी मिली हुई है। भोजशाला में हर मंगलवार को हिंदू पूजा कर सकते हैं। जबकि, मुस्लिमों को यहां हर शुक्रवार नमाज पढ़ने की इजाजत दी गई है। हिंदू पक्ष भोजशाला विवाद को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ले गया है। जहां से विवाद को निपटाने की कोशिश के तहत एएसआई सर्वे का आदेश दिया गया। अब सबकी नजर इस पर है कि भोजशाला के बारे में एएसआई अपनी सर्वे रिपोर्ट में क्या बताती है और इस पर कोर्ट का रुख क्या रहता है।

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