नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद कांग्रेस कार्यसमिति ने शनिवार को बैठक की। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की अध्यक्षता में हुई कार्यसमिति की बैठक में सोनिया गांधी और राहुल गांधी समेत तमाम बड़े नेता शामिल हुए। इस बैठक को संबोधित करते हुए मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि कांग्रेस के लोगों को अनुशासित और एकजुट रहना होगा। खरगे ने कहा कि जनता ने काफी हद तक हम पर भरोसा जताया है। इस पर और काम करना होगा। कांग्रेस कार्यसमिति में अध्यक्ष ने कहा कि वो लोकसभा चुनाव नतीजों को पूरी विनम्रता से मानते हैं। उन्होंने जश्न के लिए थोड़ा रुकने को कहा। खरगे ने इसकी वजह बताते हुए कहा कि कुछ राज्यों में हमने क्षमता और अपेक्षा के हिसाब से प्रदर्शन नहीं किया।
Sharing excerpts from my Opening Remarks in the Extended Congress Working Committee (CWC) Meeting, held today —
1. The Congress Working Committee congratulates leaders and crores of workers their determination, will power and resolve. People have spoken against the dictatorial… pic.twitter.com/eM05x2PMh2
— Mallikarjun Kharge (@kharge) June 8, 2024
कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि जिन राज्यों में पार्टी ने विधानसभा चुनावों में अच्छा प्रदर्शन कर सरकार बनाई थी, वहां लोकसभा चुनाव के दौरान प्रदर्शन नहीं दोहरा सके। उन्होंने कहा कि कांग्रेस जल्दी ही ऐसे हर राज्य के लिए अलग-अलग मंथन करने जा रही है। खरगे ने कहा कि ऐसे राज्यों में जहां कांग्रेस की सरकार है और लोकसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सके, वहां के लिए तुरंत ही सुधार लाने होंगे। खरगे ने कहा कि ऐसे राज्यों में हमारे पास अवसर हैं। इन अवसर का इस्तेमाल अपने लिए नहीं, जनता के लिए करना है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ये भी कहा कि अगर वो इंडी गठबंधन के सहयोगियों को स्वीकार नहीं करते, तो अपने कर्तव्य में विफल हो जाते। उन्होंने कहा कि गठबंधन की हर पार्टी ने अपनी भूमिका निभाते हुए दूसरे को योगदान दिया।
बता दें कि कांग्रेस उत्साहित तो है कि उसे 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव के मुकाबले इस बार ज्यादा सीटें मिली हैं, लेकिन उसका आंकड़ा 99 पर आकर ही फंस गया। जबकि, कांग्रेस ने 300 से कुछ ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ा था। यूपी में विपक्ष ने अच्छा प्रदर्शन कर बीजेपी को उसके गढ़ में ही झटका दिया है, लेकिन कांग्रेस यहां भी ज्यादा कुछ नहीं कर सकी। उसे सपा ने यूपी में 17 सीटें दी थीं, लेकिन कांग्रेस सिर्फ 7 सीटें ही जीत सकीं। जबकि, सपा की सीटें 30 के पार चली गईं। अन्य कई राज्यों में भी गठबंधन के बावजूद कांग्रेस को फायदा नहीं हुआ। 16 राज्यों में उसकी दुर्गति हुई।