नई दिल्ली। मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह विवाद मामले में मुस्लिम पक्ष की ओर से दायर याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने मुस्लिम पक्ष को यह तय करने को कहा है कि उसे इलाहाबाद हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के फैसले को हाईकोर्ट की ही डबल बेंच में चुनौती देना है या नहीं। सुप्रीम कोर्ट इसके बाद 4 नवंबर से इस मामले में सुनवाई करेगा। मुस्लिम पक्ष ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है जिसमें मुस्लिम पक्ष की आपत्तियों को खारिज करते हुए उच्च न्यायालय ने कहा था कि हिंदू पक्ष की ओर से दायर सभी 18 मामले सुनने लायक हैं।
इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट में हिंदू पक्ष की ओर से दलील दी गई थी कि शाही ईदगाह का पूरा ढाई एकड़ का क्षेत्र भगवान श्रीकृष्ण विराजमान का गर्भगृह है। मंदिर तो तोड़कर ही यहां अवैध तरीके से मस्जिद बनाई गई थी। हिंदू पक्ष का यह भी कहना है कि वक्फ बोर्ड ने अपने असीमित अधिकारों का बेजा इस्तेमाल करते हुए मंदिर की इस भूमि को वक्फ संपत्ति घोषित कर दिया है। जबकि एएसआई ने इस जमीन को नजूल भूमि माना है तो ऐसे में ये जमीन वक्फ की कैसे हो सकती है?
Supreme Court hearing plea by Muslim parties challenging maintainability of 18 suits filed by Hindu side in Krishna Janmabhoomi-Shahi Idgah Masjid dispute.#SupremeCourt #SupremeCourtOfIndia #Krishna pic.twitter.com/zRiInBvjsW
— Bar and Bench (@barandbench) September 17, 2024
वहीं मुस्लिम पक्ष की ओर से इलाहाबाद हाईकोर्ट में दलील दी गई थी कि दोनों पक्षों के बीच 1968 में विवादित जमीन को लेकर एक समझौता हुआ था। इस समझौते के 60 साल बाद उसे गलत बताकर जमीन पर कब्जा करने का प्रयास ठीक नहीं है। मुस्लिम पक्ष ने हिंदू पक्ष की ओर से दायर 18 मामलों को सुनने योग्य न बताते हुए उन्हें खारिज करने की मांग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट में इससे संबंधित एक और मामला लंबित है जिसमें 9 अगस्त को दिए अपने आदेश में विवादित परिसर के सर्वे पर लगी रोक को नवंबर तक बढ़ा दिया गया है।