News Room Post

What is Halo Orbit: जानिए क्या है हेलो पॉइंट? जिसे इसरो वैज्ञानिकों ने अध्ययन करने के लिए चुना

What is Halo Orbit: एल 1 प्वाइंट के आसपास आदित्य एल 1 को स्थापित किया गया है । एल-1 प्वाइंट के चारों ओर प्रभामंडल कक्षा में इस उपग्रह से सूर्य को लगातार देखा जा रहा है। वहीं, इसी प्लाइंट के चारों और मौजूद ऑर्बिट को सोलार हैलो ऑर्बिट कहा जाता है। यहीं पर आदित्य एल-1 को स्थापित किया गया है। जिससे कि सूर्य के बारे में अध्ययन किया जा सकें।

नई दिल्ली। चंद्रमा के बाद अब भारतीय वैज्ञानिकों ने सूर्य का अध्ययन करने के मकसद से कमर कस ली है। इसी कड़ी में आज भारतीय वैज्ञानिकों को बड़ी सफलता मिली है। जी हां…आपको बता दें कि आज इसरो का आदित्य एल -1 सूर्य के अंतिम कक्षा में सफलतापूर्वक पहुंच गया। पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर इसकी अंतिम गंतव्य कक्षा में आदित्य एल-1 अब स्थापित हो चुका है। अंतरिक्ष यान पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर सूर्य पृथ्वी प्रणाली के लैग्रेंज प्वाइंट 1 के आसपास एक प्रभावमंडल कक्षा में पहुंचा है। इसरो को मिली इस सफलता को सूर्य नमस्कार के रूप में रेखांकित किया जा रहा है। आइए, अब इस रिपोर्ट में आगे हम आपको हेलो ऑर्बिट के बारे में विस्तार से जानते हैं।

जानिए क्या है हेलो ऑर्बिट ?

एल 1 प्वाइंट के आसपास आदित्य एल 1 को स्थापित किया गया है । एल-1 प्वाइंट के चारों ओर प्रभामंडल कक्षा में इस उपग्रह से सूर्य को लगातार देखा जा रहा है। वहीं, इसी प्लाइंट के चारों और मौजूद ऑर्बिट को सोलार हैलो ऑर्बिट कहा जाता है। यहीं पर आदित्य एल-1 को स्थापित किया गया है। जिससे कि सूर्य के बारे में अध्ययन किया जा सकें। आइए, आगे जानते हैं कि आखिर लैग्रेंज प्वाइंट क्या है।

क्या है लैग्रेंज प्वाइंट (एल1) 

आपको बता दें कि जिस क्षेत्र में पृथ्वी और सूर्य के बीच गुरुत्वाकर्षण निष्क्रिय हो जाता है, उसे विज्ञान की भाषा में लैग्रेंज प्वाइंट कहा जाता है। वहीं, प्रभामंडल कक्षा, एल 1 , एल 2 या एल 3 ‘लैग्रेंज प्वाइंट’ में से एक के पास एक आवधिक, त्रि-आयामी कक्षा है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, पृथ्वी से सूरज की दूरी है, L1 प्वाइंट की दूरी उसका महज 1 फीसद है। उधऱ, आदित्य को सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के लैग्रेंज प्वाइंट 1 के चारों ओर हेलो ऑर्बिट में जाएगा, जिसके बाकी की प्रक्रिया प्रारंभ होगी।

Exit mobile version