नई दिल्ली। क्रिकेट की दुनिया से राजनीति की दुनिया में आए राजनेता नवजोत सिंह सिद्धू आज जब 10 महीने से अधिक लंबी जेल की सजा के बाद आखिरकार जेल से बाहर निकले तो उन्होंने केंद्र पर जमकर निशाना साधा। साल 1988 में रोड रेज से जुड़े एक मामले में वो 1 साल की सजा काट रहे थे जो अब पूरा हो चुका है। सिद्धू के ट्विटर अकाउंट पर इस बात की पुष्टि की गई है। लेकिन क्या आप जानते है क्या था 1988 का रोड रेज मामला? आइए समझने का प्रयास करते हैं-
आखिरकार जेल क्यों गए थे नवजोत सिंह सिद्धू ?
यह साल 1988 की बात है जब 27 दिसंबर को नवजोत सिंह सिद्धू अपने साथी रूपिंदर सिंह संधू के साथ शेरावाला गेट क्रॉसिंग के पास एक जिप्सी में सवार होकर जा रहे थे। इस दौरान करीब 3 लोग पंजाब के पटियाला में बैंक से पैसे निकालने के लिए जा रहे थे। इस दौरान नवजोत सिंह सिद्धू की जिप्सी के चपेट में किसी तरह से एक व्यक्ति आ गया और उसकी मौत हो गई। सिद्धू पर आरोप लगे कि उन्होंने लापरवाही के चलते उस व्यक्ति को रौंद दिया। आपको बता दें कि सितंबर 1999 में, पटियाला सत्र न्यायालय ने सिद्धू पर लगे हत्या के आरोपों को खारिज कर दिया था। वहीं जब मामला पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट पहुंचा, तो फैसला सिद्धू के खिलाफ चला गया। दिसंबर 2006 में हाई कोर्ट ने पटियाला सत्र न्यायालय के फैसले को पलटते हुए सिद्धू और संधू को आईपीसी की धारा 304 (II) के अनुसार गैर इरादतन हत्या का दोषी करार दिया गया।