बेंगलुरु। कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए आज वोटिंग का दिन है। कर्नाटक में अगली सरकार कौन बनाएगा, इसका पता 13 मई को वोटों की गिनती से होगा। फिर भी बीजेपी और कांग्रेस के लिए कर्नाटक के ये विधानसभा चुनाव किसी सेमीफाइनल मैच से कम नहीं हैं। एक तरफ बीजेपी के लिए कर्नाटक को जीतना अपने भविष्य के लिए जरूरी है। वहीं, कांग्रेस के लिए भी कर्नाटक का मैदान मारना पार्टी और उसके कई नेताओं के भविष्य का मसला है। इसकी वजह है कर्नाटक की संसदीय सीटें। कर्नाटक में लोकसभा की 28 सीटें हैं। पिछली बार यानी 2019 में बीजेपी ने इनमें से 25 सीटें हासिल की थीं। उसे 52 फीसदी वोट मिले थे। कांग्रेस का यहां प्रदर्शन इतना खराब था कि 32 फीसदी वोट के साथ उसे 1 लोकसभा सीट पर ही जीत हासिल हो सकी थी। वहीं, जेडीएस को 10 फीसदी वोट के साथ 1 सीट मिली थी। अन्य को 1 लोकसभा सीट पर जीत हासिल हुई थी।
कांग्रेस का इरादा है कि इस बार वो कर्नाटक जीत ले, तो दक्षिण में बीजेपी का एकमात्र किला ढह जाएगा और इसका फायदा अगले साल यानी 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को हो सकता है। वहीं, बीजेपी इस गढ़ को बचाकर 2024 में फिर कर्नाटक में लोकसभा चुनाव के दौरान अपना वर्चस्व बनाए रखने की जुगत में है। कर्नाटक के चुनाव बीजेपी के लिए बहुत जरूरी तो हैं ही, कांग्रेस के लिए उससे भी जरूरी बन जाते हैं। इन चुनावों में अगर कांग्रेस जीतती है, तो वो राष्ट्रीय स्तर पर ये संदेश देने में सफल रहेगी कि बीजेपी की पकड़ अब ढीली पड़ रही है। साथ ही विपक्षी दलों की एकता अगर होती है, तो कांग्रेस केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के अलावा अन्य राज्यों में भी वहां के क्षत्रप विपक्षी दलों से सीटों का बेहतर मोलभाव कर सकेगी। अगर सिर्फ दक्षिण भारत की बात करें, तो केरल में 20 लोकसभा सीटें हैं। इनके अलावा तमिलनाडु में 38, आंध्र प्रदेश में 25 और तेलंगाना में 17 लोकसभा सीटें हैं। वहीं, कांग्रेस अगर यहां जीतती है, तो इस साल राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और तेलंगाना में भी उसकी किस्मत खुल सकती है। इनमें से राजस्थान और छत्तीसगढ़ को अपने पाले में बनाए रखना कांग्रेस के लिए बहुत अहम है।
बीजेपी और कांग्रेस के दो दिग्गजों की किस्मत भी कर्नाटक के विधानसभा चुनाव नतीजों से जुड़ी है। इनमें पहला नाम पीएम नरेंद्र मोदी का है। मोदी के चेहरे पर ही कर्नाटक में बीजेपी विधानसभा चुनाव लड़ रही है। मोदी ने यहां जबरदस्त तरीके से इस बार प्रचार किया है। तमाम रोड शो और जनसभाएं मोदी ने की हैं। ऐसे में बीजेपी की जीत मोदी के सबसे प्रभावशाली नेता की छवि को और मजबूत करेगी। वहीं, कांग्रेस के ताजातरीन राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के लिए भी कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे अहम रहने वाले हैं। खरगे, कर्नाटक के ही हैं। ऐसे में कांग्रेस की जीत और हार से उनकी प्रतिष्ठा पर भी असर पड़ेगा। कुल मिलाकर कांग्रेस, बीजेपी, विपक्ष की एकता, मोदी और मल्लिकार्जुन खरगे की छवि का कर्नाटक के इन विधानसभा चुनावों से सीधा संबंध है। ये संबंध किस दिशा में जाते हैं, ये 13 मई की दोपहर तक साफ होने वाला है।