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Nirmala Sitharaman: क्या भारत में आएगी मंदी? जानिए, क्यों वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का जवाब सुनकर विपक्षी दलों को लग सकती है मिर्ची

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नई दिल्ली। बीते दिनों भारत ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था को मात देकर दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की फेहरिस्त में दर्ज हुआ है। लेकिन अफसोस ये बात देश के विपक्षी दलों को हजम नहीं हो रही है। विपक्षी जमात लगातार महंगाई के मसले को सरकार के विरुद्ध जोरों शोरों से उठा रहे हैं। उधर, विपक्षी दलों का यह भी कहना है कि देश की मौजूदा आर्थिक स्थिति को देखकर यह कहने में किसी भी प्रकार का गुरेज नहीं होना चाहिए कि आगामी दिनों में देश मंदी की चपेट में आ जाएगा। यकीनन, यह सवाल संजीदा है, जिसे आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से पूछा गया, तो उन्होंने जो जवाब दिया है, उसे जानकर देश के विपक्षी दलों को मिर्ची लग सकती है। आइए, आपको आगे कि रिपोर्ट में बताते हैं कि आखिर उन्होंने क्या कुछ कहा है।

दरअसल, उन्होंने कहा कि जो लोग ऐसा कह रहे हैं कि देश में मंदी की संभावना है, वे पहले ये जान लें कि ऐसी कोई भी संभावना नहीं है। देश मंदी के खतरे से पूरी तरह बाहर है। यही नहीं, वित्त मंत्री ने सकल घरेलू उत्पाद में दो दहाई के वृद्धि की भी संभावना जताई है। विश्व के कई अन्य देशों की तुलना में भारत की आर्थिक स्थिति बेहद बेहतर है। लिहाजा देश के मंदी की चपेट में आने की संभावना बिल्कुल शुन्य है। उन्होंने आगे कहा कि सकल घरेलू उत्पाद चालू वित्त वर्ष में दोहरे अंक पर रहेगी।

इस बीच उन्होंने कहा कि अगर मान लीजिए कि कोई भी देश मंदी की कागार पर खड़ा है, तो उससे एक आत्मविश्वास मिलता है कि उसे अपनी आर्थिक स्थिति को दुरूस्त करने की दिशा में कदम उठाना होगा। वित्त मंत्री ने आगे कहा कि हाल ही में जो आंकड़े सामने आए हैं, उससे साफ जाहिर होता है कि सकल घरेलू उत्पाद में 13.5 फीसद के बढ़ोतरी की संभावना है। इस बीच वित्त मंत्री ने आईएमएफ की रिपोर्ट का हवाला देते हुए भी भारत को सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बताया है। उन्होंने कहा कि आईएमएफ के आंकड़े इस बात की पुष्टि करते हैं कि आज भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति विश्व के कई देशों की अर्थव्यवस्था की तुलना में बेहद ही बेहतर है। बता दें कि इस बीत वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मुफ्त के उपहारों के सहारे सत्ता में पहुंचने की शैली को लेकर भी सवाल किया गया जिस पर उन्होंने कहा कि मैं बिल्कुल इस चर्चा में हिस्सा लेना चाहूंगी, क्योंकि देखा जा रहा है कि सत्ता सुख प्राप्त करने के लिए लुभावने वादों का सहारा ले रहे हैं।

मुझे लगता है कि आप जनता को रिझाने के लिए मुफ्त के चुनावी वादे करने से पहले देश और राज्य की आर्थिक स्थिति का भी आकलन कर लीजिए। ध्यान रहे कि बीते दिनों इस पूरे मसले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई थी, जिसे लेकर आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच तीखी बहस भी देखने को मिली थी। बहरहाल, अब ऐसे में यह पूरा माजरा आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। तब तक के लिए आप देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों से रूबरू होने के लिए आप पढ़ते रहिए । न्यूज रूम पोस्ट.कॉम

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